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अगर बैंक लॉकर की चाबी खो जाए तो क्या होगा?

लॉकर सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहक को सालाना चार्ज देना होता है. लॉकर की एक चाबी ग्राहक के पास रहती है, जिसे संभालकर रखना होता है.

अगर बैंक लॉकर की चाबी खो जाए तो क्या होगा?

Sunday June 19, 2022 , 3 min Read

प्रॉपर्टी पेपर्स, वसीयत जैसे जरूरी कागजात, ज्वैलरी, कोई बेहद महंगा आइटम आदि को सुरक्षित रखने के लिए अक्सर लोग बैंक लॉकर (Bank Locker) खुलवाते हैं. इसे सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker) भी कहा जाता है. लॉकर सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहक को सालाना चार्ज देना होता है. लॉकर की एक चाबी ग्राहक के पास रहती है, जिसे संभालकर रखना होता है. क्या हो अगर यह चाबी गुम हो जाए? क्या डुप्लीकेट चाबी इश्यू होगी?

इसका जवाब है नहीं. इसके पीछे खास वजह है. दरअसल हर लॉकर (Bank Locker) के लिए बनाई जाने वाली चाबियां दो ही होती हैं, जिनमें से एक बैंक के पास और एक ग्राहक के पास रहती है. इसके अलावा लॉकर की कोई अतिरिक्त या डुप्लीकेट चाबी नहीं होती है. लॉकर बनाने वाली कंपनी के पास भी नहीं. लॉकरधारक की चाबी और बैंक के पास मौजूद चाबी, दोनों को लगाने के बाद ही लॉकर खुलता है. इसलिए किसी भी एक चाबी के गुम हो जाने पर दूसरी चाबी बेकार हो जाती है. जब लॉकरधारक अपना लॉकर खोलने की मांग करता है तो लॉकर खोलने के लिए बैंक कर्मचारी दूसरी चाबी लेकर ग्राहक के साथ लॉकर रूम में जाता है. दोनो चाबियों को एक साथ लगाकर लॉकर खोला जाता है और इसके बाद बैंक कर्मचारी लॉकर रूम से बाहर चला जाता है.

लॉकर तोड़ना ही एकमात्र विकल्प

चाबी खो जाने पर बैंक लॉकर को तोड़ना ही एकमात्र रास्ता बचता है. चाबी खोने या लॉकर के किराए का भुगतान न होने की स्थिति में लॉकर को तोड़ा जा सकता है और इसके लिए बैंक चार्ज वसूलते हैं. यह भी ध्यान रहे कि लॉकर तोड़ने पर आने वाले खर्च और लॉकर का लॉक बदलने पर आने वाले खर्च का भुगतान भी ग्राहक को ही करना होता है.

लॉकरधारक की मौजूदगी में तोड़ा जाता है लॉकर

अगर आपके लॉकर की चाबी खो गई है तो सबसे पहले बैंक को लिखित में सूचित करें. लॉकर को तोड़ते वक्त लॉकरधारक/धारकों की मौजूदगी जरूरी होती है. अगर लॉकर जॉइंट में खोला गया है तो सभी लॉकरधारकों को बैंक में उपस्थित रहना होगा. इसके लिए बैंक की ओर से लॉकरधारक से उस तारीख की सूचना मांगी जाती है, जब संबंधित लॉकर के सभी धारक बैंक में आ सकें. बैंक, लॉकर केबिनेट बनाने वाली कंपनी को भी यह तारीख बताता है. उस तय तारीख पर समस्‍त लॉकरधारकों, बैंक अधिकारी व दो स्‍वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में (विवाद की स्‍थिति में नोटेरी अधिकारी या अदालत द्वारा नियुक्‍त किसी अन्‍य अधिकारी के सामने) लॉकर तोड़ा जाता है और सामान लॉकरधारक को सौंप दिया जाता है.