जानिए क्या है Zerodha का Business Model, इन 4 तरीकों से पैसे कमाती है कंपनी
अगर आसान भाषा में समझें तो जीरोधा कम फीस के मॉडल पर काम करती है. जीरोधा की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्रोकरेज फीस और कमीशन के जरिए आता है.
आज के वक्त में डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म
के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. जीरोधा की वैल्युएशन अभी 2 अरब डॉलर से भी अधिक है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये कंपनी कई सुविधाएं मुफ्त में देती है? जिनके पैसे लेती है, वो भी बहुत कम है. तभी तो इसे डिस्काउंट ब्रोकर (Discount Broker Zerodha) कहा जाता है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इसका बिजनेस मॉडल (Zerodha Business Model) क्या है? कैसे कंपनी पैसे कमाती है? (How Zerodha Earn Money) यहां ये जानना भी दिलचस्प है कि जीरोधा एक बूटस्ट्रैप्ड कंपनी है, जिसने आज तक एक भी राउंड की फंडिंग नहीं ली है, फिर भी तगड़ा मुनाफा कमा रही है.पहले कंपनी के बारे में जान लीजिए कुछ बातें
जीरोधा नाम दो शब्दों से मिलकर बना है. जीरो और रोधा, जो एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है बाधा. यानी कंपनी के नाम का मतलब होता है बिना किसी बाधा वाला प्लेटफॉर्म. जब एनएसई ने फ्री ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, तो नितिन कामत को जीरोधा शुरू करने का आइडिया आया. बेंगलुरु मुख्यालय वाली इस कंपनी Zerodha की स्थापना नितिन कामथ ने अपने भाई निखिल कामथ के साथ मिलकर साल 2010 में की थी. ग्राहकों की संख्या के अनुसार Zerodha फिलहाल देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज़ फर्म मानी जा रही है. 2022 तक उनके पास ग्राहकों की संख्या का आंकड़ा 1 करोड़ को पार कर गया है.
क्या है कंपनी का बिजनेस मॉडल?
अगर आसान भाषा में समझें तो जीरोधा कम फीस के मॉडल पर काम करती है. यह लोगों से कम फीस लेती है, लेकिन ग्राहकों की संख्या अधिक होने की वजह से तगड़ा मुनाफा कमा लेती है. जीरोधा की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्रोकरेज फीस और कमीशन के जरिए आता है. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी को इसके जरिए करीब 4128 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. पिछले साल यह आंकड़ा करीब 2252 करोड़ रुपये था. इसके अलावा कपंपनी इंट्रेस्ट इनकम के जरिए करीब 614 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो 2021 की तुलना में करीब 50 फीसदी अधिक है.
एक उदाहरण से समझिए बिजनेस मॉडल
मान लीजिए कोई कंपनी अपने 1000 ग्राहकों से प्रति ट्रांजेक्शन 50 रुपये का ब्रोकरेज लेती, जो उसकी कमाई 50 हजार रुपये होती. वहीं जीरोधा सिर्फ 20 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन फीस लेती है, लेकिन कम फीस होने की वजह से ग्राहकों की संख्या बहुत अधिक है. मान लीजिए 5000 ग्राहकों से 20-20 रुपये लिए जा रहे हैं तो कंपनी की कमाई 1 लाख रुपये हो जाती है. यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि नितिन कामत वॉल्यूम पर खेलते हैं. वह कम ग्राहकों से ज्यादा फीस वसूलने के बजाय, बहुत सारे ग्राहकों से थोड़ी-थोड़ी फीस लेते हैं और इसी वजह से जीरोधा के ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
मामूली कमाई के बावजूद तगड़ा मुनाफा
2022 में कंपनी को 2094 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो वित्त वर्ष 2021 में करीब 1122 करोड़ रुपये था. यानी करीब 87 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का रेवेन्यू करीब 4963 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले साल के मुकाबले करीब 82 फीसदी अधिक है. तब कंपनी का रेवेन्यू लगभग 2729 करोड़ रुपये था. ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुनाफा और रेवेन्यू ही बढ़ा है. साल भर में कंपनी का खर्चा भी करीब दोगुना हो गया है. साल भर पहले कंपना का खर्चा 1260 करोड़ रुपये था, जो अब 2164 करोड़ रुपये हो गया है.
कौन-कौन सी सेवाएं देती है कंपनी?
अभी जीरोधा 6 अलग-अलग तरीके के बिजनेस में है. किसी से वह सीधे तौर पर पैसे कमाता है तो किसी से अप्रत्यक्ष रूप से कमाई होती है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
1- KITE APP- कंपनी का सबसे अहम बिजनेस है शेयरों को खरीदने-बेचने के लिए प्लेटफॉर्म देना, जिसे काइट (KITE) नाम से जाना जाता है. इस प्लेटफॉर्म पर डिलीवरी के तहत शेयर ट्रांजेक्शन बिल्कुल मुफ्त है, जबकि इंट्राडे, फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए प्रति ट्रांजेक्शन 20 रुपये तक का चार्ज लगता है.
2- COIN APP- इस प्लेटफॉर्म की मदद से जीरोधा अपने यूजर्स को डायरेक्ट म्यूचुअल फंड को बेचने-खरीदने की सुविधा देता है. ग्राहकों को वेंडर को ना तो कोई कमीशन देना होता है ना ही कोई फीस चुकानी होती है. ग्राहकों को सीधे असेट मैनेजमेंट कंपनियों से ही खरीद-फरोख्त की सुविधा मिलती है.
3- VARSITY- यह एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म, जिसके जरिए लोगों को फाइनेंस के बारे में एजुकेट किया जाता है. इस पर मुफ्त ट्युटोरियल और वीडियो होते हैं.
4- Rainmatter Startup Incubator- जीरोधा ने 2015 में रेनमैटर की शुरुआत की थी, जो एक स्टार्टअप इनक्युबेटर है. इसके जरिए वह कई शानदार, लेकिन छोटे स्टार्टअप की ग्रोथ में मदद करता है, जैसे Small case, Digio, Streak. इसके जरिए कंपनी ने CRED, Armstrong, Jupiter, JODO, Procol जैसी कंपनियों में निवेश भी किया है.
5- True Beacon- इसे जीरोधा ने 2019 में लॉन्च किया था, जिसके जरिए HNI और UHNI यानी अति धनी लोगों को वेल्थ मैनेजमेंट की सुविधा दी जाती है. नितिन कामत इसके तहत पैसे वालों के लिए इन्वेस्टमेंट मैनेजर का काम करते हैं. इसके तहत क्लाइंट्स से कोई फीस नहीं ली जाती, बल्कि रिटर्न पर एक तय फीसदी रकम चार्ज के तौर पर ली जाती है. ऐसे में अधिक से अधिक लोग इस सुविधा की तरफ आकर्षित होते हैं.
6- Kite Connect API- इसकी मदद से कंपनी रिटेल निवेशकों, डेवलपर्स और स्टार्टअप को ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है. यह भी रेनमैटर स्टार्टअप इनक्युबेटर के एक हिस्से जैसा है. इसके तहत स्टार्टअप और डेवलपर्स को मुफ्त में एपीआई रिसोर्स तक पहुंच मुहैया कराई जाती है, जो ढेर सारे लोगों के लिए कोई प्रोजेक्ट बनाते हैं. जो रिटेल निवेशक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का एल्गोरिद्म चाहते हैं, उनसे हर महीने 2000 रुपये की फीस ली जाती है.
इन 4 तरीकों से पैसे कमाती है जीरोधा
1- जीरोधा की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा फीस और चार्ज से आता है. जीरोधा काइट ऐप के जरिए इंट्राडे और फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग पर कंपनी 20 रुपये की फीस लेती है. इससे जीरोधा की सबसे ज्यादा कमाई होती है.
2- जीरोधा की कमाई का एक दूसरा जरिया होता है इन्सेंटिव, डिविडेंड और निवेश पर ब्याज से मिले पैसे.
3- ट्रू बीकन के जरिए इन्वेंस्टमेंट मैनेजमेंट की सुविधा देकर भी कंपनी पैसे कमाती है.
4- काइट कनेक्ट एपीआई की सुविधा रिटेल निवेशकों को देकर उनसे कंपनी हर महीने 2000 रुपये का चार्ज लेती है, जिससे भी जीरोधा पैसे कमाती है.
4- काइट कनेक्ट एपीआई की सुविधा रिटेल निवेशकों को देकर उनसे कंपनी हर महीने 2000 रुपये का चार्ज लेती है, जिससे भी जीरोधा पैसे कमाती है.