Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

77 साल पहले आज ही के दिन हुई थी यूनेस्‍को (UNESCO) की शुरुआत

दुनिया के 50 देशों ने मिलकर दुनिया में शिक्षा और संस्‍कृति के प्रसार के लिए की यूनेस्‍को की शुरुआत.

77 साल पहले आज ही के दिन हुई थी यूनेस्‍को (UNESCO) की शुरुआत

Wednesday November 16, 2022 , 5 min Read

आज यूनेस्‍को (UNESCO) का स्‍थापना दिवस है. 16 नवंबर, 1945 को आज ही के दिन यूनेस्‍को की आधिकारिक रूप से नींव रखी गई थी. यूनेस्‍को यानी यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक ऐंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization). पूरी दुनिया में शिक्षा, कला, संस्‍कृति, प्रकृति, विज्ञान आदि को संजोने, सहेजने और मिल-जुलकर सम्मिलित रूप से उसे बचाने और आगे बढ़ाने के लिए काम करने वाली एक संस्‍था. वह संस्‍था, जो यूनाइटेड नेशंस या संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ का ही एक हिस्‍सा है.

1945 वह साल था, जिस साल दूसरा विश्‍व युद्ध दुनिया भर में तबाही के चरम पर पहुंचकर खत्‍म हुआ. यूं तो पूरी दुनिया की सारी सभ्‍यताओं, सारे मुल्‍कों का इतिहास कभी न खत्‍म होने वाले युद्धों और लड़ाइयों का सिलसिला है. लेकिन 40 साल के भीतर एक के बाद एक हुए और कई साल लंबे चले दो विश्‍व युद्धों ने दुनिया को उस कगार पर पहुंचा दिया था, जहां ताकतवर मुल्‍कों को भी ये बात समझ में आई कि “तू बड़ा कि मैं” के नाम पर बार-बार एक-दूसरे पर गोली, बम, बारूद चलाने का नुकसान सिर्फ दुश्‍मन को नहीं होगा. आग लगेगी तो अपना घर भी चलेगा.

दूसरे विश्‍व युद्ध में तबाही का ये आलम था कि वो सारी संपदा जो मनुष्‍य ने पिछले दो सौ सालों में सभ्‍य होने की प्रक्रिया में बनाई थी, वो सब की सब तबाह हो गई. युद्ध के नशे में मनुष्‍य हिंसा, बदले और विध्‍वंस की किस सीमा तक जा सकता है, इसके गवाह जापान के दो शहर नागासाकी और हिरोशिमा थे. जर्मनी जो सिर्फ एक नस्‍ल को नेस्‍तनाबूद करने पर आमादा था, युद्ध खत्‍म होते-होते खुद भी पूरी तरह तबाह हो चुका था.

युद्ध के नतीजे देख चुकी दुनिया को शांति की दरकार थी. यह तब तक मुमकिन नहीं था, जब तक सबके सिर पर बैठी कोई संस्‍था इन चीजों को रेगुलेट न करे. वहीं से नींव पड़ी यूनाइटेड नेशंस की.    

दूसरा विश्‍व युद्ध दो पक्षों के बीच लड़ा जा रहा था. एक तरफ था जर्मनी और उसके सहयोगी देश जापान और इटली. और दूसरी तरफ था ब्रिटेन, अमेरिका और सोवियत यूनियन. युद्ध के दौरान ही 1942 में यूके में मित्र देशों की एक मीटिंग हुई, जो इतिहास में कॉन्फ्रेंस ऑफ अलाइड मिनिस्टर्स ऑफ एजुकेशन (केम) के नाम से जानी जाती है. इस मुलाकात का मकसद मौजूदा युद्ध और उसके नतीजों की भविष्‍यवाणी करना था. लड़ते हुए भी वे जान रहे थे कि ये लड़ाई आखिरकार दुनिया को कहां ले जाकर पटकेगी.

इसी मीटिंग में यूनेस्‍को जैसी किसी अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था के निर्माण की बात पर विचार किया गया, जो युद्ध के बाद खत्‍म हो चुके इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को दोबारा खड़ा करने में मदद करे. जो भविष्‍य के युद्धों के खिलाफ शांति का कैंपेन चलाए. धीरे-धीरे इस मीटिंग का प्रस्‍तावित विचार दुनिया भर में फैला और 50 देश इस पर सहमत होकर एकजुट होकर काम करने को तैयार हो गए.  

 

25 अप्रैल, 1945 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्‍को में हुई कॉन्‍फ्रेंस के बाद यूनाइटेड नेशंस की नींव पड़ चुकी थी और दुनिया के 50 देश इसका हिस्‍सा बन चुके थे. उसके 7 महीने बाद नवंबर में यूएन की एक कॉन्‍फ्रेंस लंदन में बुलाई गई, जिसमें 44 देशों ने हिस्‍सा लिया. वहां दुनिया में शांतिदूत के रूप में काम करने वाली एक संस्‍था यूनेस्‍को के प्रस्‍ताव पर फाइनल मुहर लग गई और कॉन्‍फ्रेंस के आखिरी दिन यानि 26 नवंबर को आधिकारिक रूप से यूनेस्‍को की शुरुआत हो गई.

16 नवंबर, 1945 को यूनेस्को के संविधान पर हस्ताक्षर किए गए और अगले साल 4 नवंबर को यह संविधान लागू हो गया. यूनेस्को की पहली जनरल कॉन्फ्रेंस का आयोजन 19 नवंबर से 10 दिसंबर, 1946 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ, जिसमें दुनिया के 30 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. ये वे 30 सदस्‍य देश थे, जिन्‍हें यूनेस्को से जुड़े फैसलों और मामलों पर वोट देने का अधिकार था. भारत को भी यूनेस्‍को की सदस्‍यता उसी साल 4 नवंबर, 1946 को मिली थी.

आज यूनेस्‍को की स्‍थापना को 77 साल हो चुके हैं. आज दुनिया के 193 देश यूनेस्‍को के सदस्‍य हैं. साथ ही 11 देश सहयोगी देश हैं. यूनेस्‍को का हेडऑफिस पेरिस में है.  

यूनेस्‍को अपने सदस्‍य और सहयोगी देशों के साथ पूरी दुनिया में शिक्षा, संस्‍कृति, विज्ञान आदि के प्रसार का काम करता है. उनका मुख्‍य रूप से जोर शिक्षा पर है. यूनेस्‍को की वेबसाइट पर उनके परिचय में लिखा है कि उनका मानना है कि संसार के सब बच्‍चों का शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और अच्‍छी स्‍वस्‍थ परवरिश पर बराबर का हक है. यूनेस्‍को का मकसद शिक्षा और संपूर्ण विकास को दुनिया के हरेक उस बच्‍चे तक पहुंचाना है, जो इससे वंचित है.

यूनेस्‍को की सभी गतिविधियों में सामाजिक न्‍याय और बराबरी की साझी कोशिश शामिल है. यूनेस्को के तत्वाधान में कुल 40 अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं. जैसेकि 8 मार्च को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस, 8 सितंबर को वर्ल्‍ड लिटरेसी डे, 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस और 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस शामिल आदि.

दो साल में एक बार यूनेस्‍को की एक इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस होती है, जिसमें सभी सदस्य, सहयोगी और पर्यवेक्षक देश हिस्‍सा लेते हैं. यूनेस्को ने दुनिया के विभिन्‍न देशों की ऐतिहासिक और सांस्‍कृति विरासत को वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट की लिस्‍ट में शामिल किया है, जिसमें भारत के 35 ऐतिहासिक स्‍थल हैं. सबसे ज्‍यादा इटली के 47 स्‍थलों को यूनेस्‍को की वर्ल्‍ड हेरिटेज लिस्‍ट में जगह मिली है.


Edited by Manisha Pandey