5000 रुपये में कबाड़ बेचकर खड़ी कर दी 60 करोड़ की आयुर्वेदिक जूस बनाने वाली कंपनी
2007 में शुरू हुई, कंपनी के पास 170 से अधिक आयुर्वेदिक प्रोडक्ट हैं और इसकी मैन्युफैक्चरिंग युनिट 15000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है, जो प्रति दिन 20000 लीटर से अधिक जूस का उत्पादन करती है. ब्रांड ने 2020 में D2C सेगमेंट में प्रवेश किया, और 60 करोड़ का कारोबार कर रहा है.
आयुर्वेद की खोज भारत में ही हुई थी और भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से आयुर्वेद का अभ्यास किया जाता है - 90 प्रतिशत से अधिक भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा के किसी न किसी रूप का उपयोग करते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा (University of Minnesota) के सेंटर फॉर स्पिरिचुअलिटी एंड हीलिंग (Center for Spirituality and Healing) के अनुसार इस परंपरा को पश्चिमी दुनिया में पिछले कुछ सालों में बहुत लोकप्रियता प्राप्त हुई है.
भारत में कई कंपनियां हैं जो आयुर्वेदिक और हर्बल प्रोडक्ट बनाती और बेचती है. राजस्थान में 'ब्लू सिटी' के नाम से मशहूर शहर जोधपुर में स्थित 'कृष्णा हर्बल एंड आयुर्वेद' (
) को भारत की दूसरी सबसे बड़ी आयुर्वेदिक जूस निर्माता कंपनी और 'The King of Ayurvedic juices' का खिताब हासिल है.2007 में शुरू हुई, कंपनी के पास 170 से अधिक आयुर्वेदिक प्रोडक्ट हैं और इसकी मैन्युफैक्चरिंग युनिट 15000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है, जो प्रति दिन 20000 लीटर से अधिक जूस का उत्पादन करती है. ब्रांड ने 2020 में D2C सेगमेंट में प्रवेश किया, और 60 करोड़ का कारोबार कर रहा है. कंपनी अगले कुछ वर्षों में 125 करोड़ से अधिक का कारोबार हासिल करना चाहती है.
कृष्णा हर्बल एंड आयुर्वेद के फाउंडर श्रवण डागा (Shrawan Daga) ने हाल ही में YourStory से बात की, जहां उन्होंने इसकी शुरुआत, चुनौतियों, D2C सेगमेंट में कदम रखने और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की.
यहां आप भी पढ़िए इस इंटरव्यू के संपादित अंश...
YourStory [YS]: आप हमें कृष्णा हर्बल और आयुर्वेद के बारे में बताएं?
श्रवण डागा [SD]: आयुर्वेद को हर घर का हिस्सा बनाने के परम उद्देश्य से लगभग 16 साल पहले प्रकृति और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के गुणों को सबसे शुद्ध रूप में लाने के लिए कृष्णा हर्बल एंड आयुर्वेद की स्थापना की गई थी. हमारे पास प्रिजर्वेटिव-फ्री आयुर्वेदिक उत्पादों की पूरी सीरीज है, जिसमें जूस, हर्बल पाउडर, टैबलेट, तेल, सौंदर्य प्रसाधन आदि शामिल हैं. इन उत्पादों में जड़ी-बूटियों और वनस्पति-युक्त सामग्री का इस्तेमाल होता है. हम यह सुनिश्चित करने के मिशन पर हैं कि प्रत्येक व्यक्ति सामान्य बीमारियों से मुक्त हो और स्ट्रांग इम्युनिटी के साथ उनका समग्र स्वास्थ्य बेहतर हो. हम हमेशा मुसब्बर/एलोविरा, नीम, अश्वगंधा और अन्य जड़ी-बूटियों जैसी सामग्री सीधे किसानों से लेते हैं. हम इन किसानों को सर्वोत्तम जैविक कृषि पद्धतियों के बारे में भी शिक्षित करते हैं ताकि अंतिम उत्पाद उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों.
कड़े गुणवत्ता परीक्षणों के बाद, इन आयुर्वेदिक सामग्री का उपयोग हमारी अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई में विभिन्न फॉर्मुलेशन में किया जाता है. हमारे सभी उत्पाद ताजा और शक्तिशाली कच्ची जड़ी-बूटियों से बने हैं, जिन्हें बनाने में पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रक्रिया का पालन किया गया है. किसी भी तरह की अशुद्धियों से बचने के लिए मानव-हाथ के प्रयोग के बजाय सभी उत्पादों को स्वचालित फिलिंग लाइनों में पैक किया गया है. हमारे पास विश्वस्तरीय इनहाउस माइक्रोबायोलॉजी और अनुसंधान-विकास प्रयोगशालाएं हैं जो सुनिश्चित करती हैं कि कच्चा माल सर्वोत्तम हो और तैयार उत्पाद उच्च गुणवत्ता का हो. हमारी टीम में कुशल डॉक्टर, कृषि वैज्ञानिक और गुणवत्ता नियंत्रण विशेषज्ञ शामिल हैं. इनमें लगभग 65 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो गुणवत्ता की गारंटी देती हैं.
हम हर्बल और आयुर्वेदिक उद्योगों में अग्रणी हैं, सभी विनिर्माण घर में ही किया जाता है और कुछ भी आउटसोर्स नहीं किया जाता है. कृष्णा के बैनर तले बने हर्बल एवं आयुर्वेदिक उत्पाद शुद्धता की गारंटी देते हैं, हमारे उत्पाद उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हैं. यही कारण है कि उपभोक्ताओं ने भी हमारे उत्पादों में अपना विश्वास दिखाया है और हमें हर दिन 5000 से अधिक ऑर्डर मिल रहे हैं. हम 100 प्रतिशत गुणवत्ता के प्रति सचेत हैं और पारंपरिक आयुर्वेदिक पद्धतियों का पालन करते हैं.
YS: आयुर्वेद की इस यात्रा को शुरू करने के लिए आपको किस चीज ने प्रेरित किया?
SD: जब मैं 2007 में बी कॉम के अंतिम वर्ष में पढ़ रहा था, तब मैंने कृष्णा हर्बल एंड आयुर्वेद की नींव रखने के लिए कुछ पुराने स्क्रैप (कबाड़) को 5000 रुपये में बेच दिया. हमने 5 वर्षों तक संघर्ष किया और फिर धीरे-धीरे व्यवसाय में तेजी आई. फिर हमने एक B2B ब्रांड के रूप में काम किया, विभिन्न व्यवसायों को आयुर्वेदिक सामग्री की आपूर्ति के लिए कड़ी मेहनत की. हर कदम पर हमने यह सुनिश्चित किया कि हम उत्पादन के लिए आयुर्वेदिक प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं. हम हमेशा अपने उपभोक्ताओं को दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के लिए सर्वोत्तम आयुर्वेदिक समाधान प्रदान करने के लिए प्रेरित होते हैं, चाहे वह माइग्रेन हो, त्वचा की समस्या हो, बालों की समस्या हो या लो इम्युनिटी वाले लोगों के लिए इम्युनिटी बूस्टर हो.
YS: व्यवसाय स्थापित करने में आपको किन शुरुआती बाधाओं का सामना करना पड़ा?
SD: अब तक आयुष इकाइयां शॉर्टकट तरीकों पर काम कर रही थीं, जिसके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे थे. और उपभोक्ताओं के बीच एक लोकप्रिय गलतफहमी बनी हुई थी कि आयुर्वेदिक और प्राकृतिक समाधानों से रोग ठीक होने में समय लगता है. हमने कच्ची जड़ी-बूटियों पर फोकस किया, उन्हें सीधे किसानों से प्राप्त करने और पाठ्यपुस्तकों में उल्लिखित आयुर्वेदिक प्रक्रिया का अक्षरश: पालन किया, जिससे बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त हुए. दरअसल, हमारी मशीनरी यह सुनिश्चित करती है कि हमारे उत्पाद मानव हाथों से अछूते रहें. यह एक गेमचेंजर रहा है और आयुर्वेदिक उत्पादों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं. एक समय उपचार की धीमी प्रक्रिया मानी जाने वाली और इसलिए इससे परहेज करने वाली आयुर्वेद अब कई लोगों की पहली पसंद बन गई है और इस बदली हुई धारणा ने आयुर्वेद को अधिकांश बीमारियों के लिए अग्रणी समाधान बनने में मदद की है.
YS: कोविड काल के बाद आयुर्वेद उत्पादों की मांग कैसी है?
SD: कोविड एक गेमचेंजर था. हमने कोविड की दूसरी लहर के दौरान प्रसिद्ध अभिनेता और मानवतावादी सोनू सूद को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. यह वह समय था जब लोगों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने और कोरोना-लक्षणों से लडऩे के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के महत्व को समझा. अब हम इसे D2C ब्रांड के रूप में विकसित कर रहे हैं और हमें अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिल रही है.
YS: 2020 में आपने D2C सेगमेंट में कदम रखा. बीते तीन वर्षों की अपनी विकास दर के बारे में हमें बताएं?
SD: इन वर्षों में ब्रांड संचालन के पैमाने पर अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. हम प्रतिदिन 1-3 ई-कॉमर्स ऑर्डर से कई गुना बढ़कर अब प्रतिदिन 5000 ऑर्डर तक पहुंच गए हैं. अब हम देश के लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद हैं. इसके अलावा अब हम कई देशों को निर्यात भी कर रहे हैं. हमारे अनुमान के मुताबिक, हम इस साल के अंत तक 60 से 70 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएंगे.
YS: इस समय बाजार में किन आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग अधिक है और कृष्णा के बैनर तले सबसे ज्यादा बिकने वाले आयुर्वेदिक उत्पाद कौन-से हैं?
SD: कृष्णाज हर्बल एंड आयुर्वेद वर्तमान में भारत में आयुर्वेदिक जूस और उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. हमारे सबसे अधिक बिकने वाले जूस में मधुमेह पीडि़त लोगों के लिए डायबिक केयर जूस, हृदय स्वास्थ्य के लिए कोलेस्ट्रॉल और कार्डियक केयर जूस, किडनी के स्वास्थ्य के लिए पथर चटड़ी और किडनी रिलाइव जूस शामिल हैं. यही नहीं, हमारे ब्रांड के शिलाजीत और प्रिजर्वेटिव मुक्त च्यवनप्राश कुछ ही समय में बाजार से गायब हो जाते हैं.
YS: आपके उत्पादों को क्या अलग करता है? क्या आप किसी खास प्रोडक्ट रेंज के बारे में बता सकते हैं?
SD: सबसे पहले, हम अपनी सामग्री सीधे किसानों से प्राप्त करते हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि वे केवल सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पाद पैदा करने के लिए सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों का उपयोग करें. फिर कच्चे माल को हमारी विनिर्माण इकाई में संसाधित किया जाता है, जहां सबसे ताजा सामग्री का उपयोग किया जाता है. हमारे कई उत्पादों में अतिरिक्त प्रिजर्वेटिव या रंग नहीं होते हैं. हम उत्पादन के लिए प्राचीन प्रथाओं का भी पालन करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलते हैं जो निश्चित परिणाम देते हैं. हमारे पास डाइजेस्टिव वेलनेस, इम्युनिटी बूस्टर, डायबिटीज वेलनेस, हर्ट वेलनेस, दर्द निवारक, रक्त शोधक और विशेष रूप से महिलाओं की त्वचा और बालों की समस्याओं के लिए तैयार उत्पादों के लिए उत्पाद श्रृंखलाएं हैं.
YS: क्या आप अपने रेवेन्यू सॉर्सेज (D2C, ऑफलाइन, व्हाइटलेबलिंग) के बारे में जानकारी दे सकते हैं?
SD: हमारी लगभग 60 प्रतिशत बिक्री D2C चैनलों के माध्यम से होती है जबकि 20 प्रतिशत ऑफ़लाइन बिक्री होती है और शेष 20 प्रतिशत व्हाइट लेबलिंग के माध्यम से होती है.
YS: आपकी ऑफ़लाइन उपस्थिति कितनी फैली है, और क्या आप उन प्रमुख बाज़ारों के नाम बता सकते हैं जहां आपकी मजबूत उपस्थिति है?
SD: जम्मू-कश्मीर से लेकर अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक पूरे देश में हमारी उपस्थिति है. हिंदी भाषी क्षेत्र में हमारी पकड़ काफी मजबूत है और साथ ही हम देश के दक्षिणी हिस्से में भी बड़े पैमाने पर विकास कर रहे हैं.
YS: व्यवसाय-विस्तार के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?
SD: हमारी विस्तार योजना के तहत जोधपुर एक नया अत्याधुनिक विनिर्माण संयंत्र बनाया गया है. इससेे उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार विस्तार को बढ़ावा मिलेगा. लगभग 6000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में निर्मित नया संयंत्र, जोधपुर के अंगनवा क्षेत्र में स्थापित होने के लिए तैयार है और इससे कृष्णा के हर्बल और आयुर्वेद उत्पादन क्षमता दोगुनी होने की उम्मीद है. हमारे पास पहले से ही शहर में एक और परिचालन विनिर्माण सुविधा है, जिसकी कुल दैनिक उत्पादन क्षमता लगभग 40,000 लीटर है. नई विनिर्माण इकाई अत्याधुनिक तकनीक और उन्नत मशीनरी से युक्त है जो मुख्य रूप से जूस और दवाओं के मौजूदा पोर्टफोलियो का उत्पादन करेगी.
YS: आप डाबर, पतंजलि और अन्य जैसे स्थापित ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा कैसे करते हैं?
SD: हम डेढ़ दशक से अधिक समय से बाजार में मजबूती से खड़े हैं क्योंकि हमने प्रक्रियाओं और सामग्री की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया है. हमारी विनिर्माण प्रक्रिया अपनी श्रेणी में शीर्ष पर है, क्योंकि यह आयुर्वेद की प्राचीन प्रणाली पर आधारित है. उदाहरण के लिए, च्यवनप्राश का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के बजाय, हमारा प्रिजर्वेटिव-मुक्त च्यवनप्राश छोटे बैचों में लोहे के पैन में बनाया जाता है. इसे ए2 देसी चाउ घी का उपयोग करके तैयार किया जाता है, जिसमें 45 से अधिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है जो इम्युनिटी बढ़ाने में सहायता करते हैं. इसी तरह, हमारा एलोवेरा जेल पौधे के ताजे गूदे से मानक 5 दिनों के बजाय 4 घंटे के भीतर तैयार हो जाता है. इससे उत्पाद की ताजग़ी बनी रहती है और अंतत: बेहतर परिणाम मिलते हैं. इसी तरह, हमारे पास मधुमेह रोगियों के लिए मधुमेह देखभाल, माइग्रेन जूस, नोनी जूस जैसे प्रतिरक्षा बूस्टर और भी बहुत कुछ हैं. हमारे सभी उत्पाद कृत्रिम स्वादों और रंगों से मुक्त हैं, प्रिजर्वेटिव-फ्री हैं और आयुर्वेद के गुणों से भरपूर हैं. और यह हमारे और प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे बड़ा अंतर है.
YS: क्या ऐसी कोई खास बात है जिस पर आप अपने व्यवसाय के बारे में ज़ोर देना या उजागर करना चाहेंगे?
SD: आयुर्वेद के पास उन सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान है जिनके बारे में आप सोच सकते हैं, चाहे वह मधुमेह हो, उच्च कोलेस्ट्रॉल हो, त्वचा या बालों की समस्या आदि हो. हमारे पास प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले तत्व भी हैं जिन्हें दैनिक दिनचर्या में शामिल करने से बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली, स्वस्थ पाचन तंत्र हो सकता है. यह सुनिश्चित करेगा कि हम एक स्वस्थ, खुशहाल जीवन जियें. कृष्णा के हर्बल और आयुर्वेद उत्पाद अत्यधिक विचार-विमर्श के बाद, सबसे शुद्ध, मिलावटरहित स्वरूप में बनाए जाते हैं, जिससे बहुत कम समय में बेतहर परिणाम मिलते हैं. हमने किसानों के साथ गठजोड़ किया है, इस प्रकार हम सही स्थानों से सामग्री प्राप्त करते हैं और उत्पाद हमारी इकाइयों में पैनी नजर के तहत निर्मित होते हैं, जहां अंतिम उत्पाद के रूप में केवल सर्वोत्तम का उत्पादन किया जाता है. वास्तव में, हमारे अधिकांश जूस को बोतल खोलने के एक महीने के भीतर पीना पड़ता है क्योंकि वे हानिकारक रसायनों और कृत्रिम अवयवों से रहित होते हैं, और प्राकृतिक अवयव केवल इतने लंबे समय तक चल सकते हैं. ये सभी कारक हमारे ब्रांड की यूएसपी हैं.