स्टार्टअप इंडिया: DPIIT ने तमिलनाडु में दिसंबर 2023 तक 7,559 स्टार्टअप्स को मान्यता दी
स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत सरकार के निरंतर प्रयासों से DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2016 में 300 थी, जो बढ़कर 31 दिसंबर, 2023 तक 1,17,254 हो गई है. विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए, 31 दिसंबर, 2023 तक DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 7,559 थी.
केंद्र सरकार ने नवाचार को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने के इरादे से 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल का शुभारंभ किया.
सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए एक कार्य योजना का अनावरण किया, जिसमें देश में एक जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए परिकल्पित योजनाओं और प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है. इस कार्य योजना में "सरलीकरण और सहायता", "वित्त पोषण समर्थन और प्रोत्साहन", "उद्योग अकादमिक साझेदारी और क्यूबेशन" जैसे क्षेत्रों में फैले 19 कार्य आइटम सम्मिलित हैं. इस कार्य योजना के विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, स्टार्टअप इकोसिस्टम को मान्यता देने, विकसित करने और सशक्त बनाने के लिए स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वित किए जाते हैं.
स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत, सरकार स्टार्ट-अप के व्यापार चक्र का समर्थन करने के लिए विभिन्न चरणों में तीन प्रमुख योजनाएं कार्यान्वित कर रही है, जैसे स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (FFS), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS) और स्टार्टअप्स के लिए ऋण गारंटी योजना (CGSS).
SISFS इनक्यूबेटरों के माध्यम से आरंभिक चरण के स्टार्ट-अप को वित्तीय सहायता प्रदान करता है. SISFS के पास 945 करोड़ रुपये का एक कॉर्पस है. विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए, 20 इन्क्यूबेटरों, जिनकी लागत 86.10 करोड़ रुपये है, को मंजूरी दी गई है और स्वीकृत इनक्यूबेटर्स के 31 दिसंबर, 2023 तक 43.63 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं.
FFS की स्थापना वेंचर पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए की गई है और इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा किया जाता है, जो सेबी-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) को पूंजी मुहैया कराता है जो बाद में स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं. FFS के पास 10,000 करोड़ रुपये का एक कॉर्पस है. विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए, सिडबी ने 6 AIF को कुल 500 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है और 31 दिसंबर, 2023 तक इन एआईएफ को 384 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं.
CGSS को पात्र वित्तीय संस्थानों के माध्यम से उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप को समर्थक ऋणाधार मुक्त ऋण सक्षम बनाने के लिए लागू किया जाता है. CGSS का संचालन राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है और इसे 1 अप्रैल, 2023 से पायलट आधार पर चालू किया गया है. विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए, 31 दिसंबर, 2023 तक पात्र और मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को 8.65 करोड़ रुपये की कुल 5 ऋण राशि वितरित की गई है.
विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम लागू किए जाते हैं. उक्त पहल के अंतर्गत सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदम समावेशी हैं और तमिलनाडु राज्य सहित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी), नगरों, शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किए गए हैं. ऐसी पहलों का विवरण नीचे दिया गया है:
स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत सरकार के निरंतर प्रयासों से DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2016 में 300 थी, जो बढ़कर 31 दिसंबर, 2023 तक 1,17,254 हो गई है. विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए, 31 दिसंबर, 2023 तक DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 7,559 थी.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने यह जानकारी राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी.