समुद्र मंथन: प्लास्टिक कचरे को रोकने के लिए विश्व की सबसे बड़ी पहल; हटाया गया 70 हजार मेट्रिक टन प्लास्टिक
Recykal इस प्लास्टिक कचरे का महत्व भी समझता है और इसे एक संसाधन मानता है. इसलिए, Recykal ने समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए ‘समुद्र मंथन’ परियोजना शुरु की है.
हाइलाइट्स
- Recykal का ‘समुद्र मंथन’ अभियान पूरे भारत के 207 जिलों में चलाया गया है, जो जिम्मेदारीपूर्वक रिसाकलिंग करने को बढ़ावा देती है
- राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर, Recykal ने घोषणा की है कि भारत के सभी 66 तटीय जिलों में ‘समुद्र मंथन’ का विस्तार किया जाएगा
हमारे समुद्रों एवं समुद्री किनारों पर जमा होने वाला प्लास्टिक एक वैश्विक संकट बन गया है. सस्टेनेबिलिटी एवं सर्कुलैरिटी पर केंद्रित भारत की अग्रणी टेक कंपनी
का यह मानना है कि समुद्र में प्लास्टिक के जमाव की समस्या और समाधान, दोनों जमीन पर ही मौजूद है. समुद्र में जाने वाले प्लास्टिक कचरे को वहां से उठा कर रिसाकलिंग केंद्रों में ले जाने की ज़रूरत है. Recykal इस प्लास्टिक कचरे का महत्व भी समझता है और इसे एक संसाधन मानता है. इसलिए, Recykal ने समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए ‘समुद्र मंथन’ परियोजना शुरु की है. यह पहल भारतीय पौराणिक कथाओं में उल्लेख किए गए ‘समुद्र मंथन’ से प्रेरित है, जिसमें समुद्र के मंथन से अमृत बाहर निकलता है.इस पहल के अंतर्गत, Recykal ने भारत में 19 राज्यों के 207 जिलों से 70 हजार मेट्रिक टन प्लास्टिक एकत्र किया है. इनमें से 33 जिलों में तटीय इलाके मौजूद हैं और 173 जिले प्रमुख नदियों के किनारे स्थित हैं. इस परियोजना के तहत समुद्र एवं नदी किनारों के आसपास के 10 किलोमीटर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है. राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर Recykal ने कहा है कि ‘समुद्र मंथन’ परियोजना को भारत के सभी 66 तटीय जिलों में विस्तार करने की योजना है.
अभिषेक देशपांडे, को-फाउंडर एवं सीओओ, Recykal ने कहा, “इस पहल का विस्तृत लक्ष्य पर्यावरण से प्लास्टिक मलबा हटाने से कहीं अधिक है. हमारा उद्देश्य समुद्री पर्यावरण के प्राकृतिक संतुलन को दोबारा स्थापित करने एवं उसे बरकरार रखने के लिए प्लास्टिक कचरे से होने वाले नुकसान को रोकना है. समुद्र में जाने वाले कचरे को रोकते हुए, Recykal का उद्देश्य समुद्री वातावरण की स्वच्छता को दोबारा कायम करना और जैव विविधता की सुरक्षा करना तथा समुद्री जीवन एवं इंसानों की खुशहाली की सुरक्षा करना है, जो स्वच्छ समुद्रों पर निर्भर हैं. इस पहल के साथ, हम प्रकृति से मिले उपहार के बदले अपना योगदान देते हुए प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा, भविष्य की पीढियों के लिए एक अधिक स्थाई एवं मज़बूत पर्यावरण तंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं. समुद्र में जाने वाले कचरे को इकट्ठा करने से तटीय इलाके में रहने वाले समुदायों के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास में भी मदद मिली है. इस पहल ने कचरा प्रबंधन, सफाई गतिविधियों, रिसाइकलिंग सुविधाओं एवं अन्य संबंधित क्षेत्रों में नए रोजगार अवसर पैदा किए हैं, जिससे तटीय क्षेत्रों की संपूर्ण खुशहाली एवं समृद्धि में योगदान मिला है.”
समुद्र में जाने वाला प्लास्टिक कचरा एक चिंताजनक पर्यावरण समस्या है, जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. जब प्लास्टिक कचरा समुद्र में चला जाता है, तो उसे नष्ट होने में सैकड़ों वर्ष लग जाते है, जिससे समुद्री जीवन, पर्यावरण तंत्र और इंसानों के लिए भी गंभीर खतरा पैदा हो जाता है. प्लास्टिक मलबा हानिकारक पदार्थों का वाहक है, जो समुद्री पानी से जहरीले केमिकल अवशोषित कर अपने अंदर जमा करता रहता है. इससे खाद्य श्रृंखला के जरिये जैव संचय होता है और अंततः इसका नुकसान समुद्री भोजन खाने वाले इंसानों को होता है. समुद्री इलाकों में रहने वाले समुदाय, खासकर जो पर्यटन और मत्स्य उद्योग पर निर्भर हैं, उन्हें भी नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके समुद्री किनारे एवं किनारों के आसपास स्थित निवास क्षेत्र प्लास्टिक मलबे से भर जाते हैं.
Recykal की ‘समुद्र मंथन’ पहल आधुनिक टेक्नोलॉजी एवं स्थाई पद्धतियों को जोड़ते हुए समुद्रों में प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ती है. इस पहल के जरिये, Recykal स्थानीय कचरा बीनने वाले मज़दूरों को सक्षम बनाने हेतु उन्हें पूरे भारत में रिसाइकलर्स के एक व्यापक नेटवर्क से जोड़ता है. इससे ना केवल उन्हें वित्तीय सुरक्षा हासिल होती है, बल्कि वे Recykal द्वारा प्रदान किये जाने वाले विशेष प्रशिक्षण की मदद से अन्य प्रकार के प्लास्टिक कचरा भी इकट्ठा करते हैं. इसके परिणाम स्वरूप उनकी आमदनी में काफी अधिक वृद्धि हुई है.
Recykal द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण रोकने और कमी लाने पर ज़ोर देने के लिए सिंगल-यूज़ प्लास्टिक इस्तेमाल करने, बेहतर कचरा प्रबंधन और जागरूकता बढ़ाने की वकालत की जाती है. यह परियोजना समुद्री जैव विविधता और तटीय समुदायों को लाभ पहुंचाने के लिए कॉर्पोरेट उत्तरदायित्व एवं सहभागिता पर प्रकाश डालती है.
‘समुद्र मंथन’ पहल के जरिये जमा किए गए प्लास्टिक को रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाएगा. Recykal यह सुनिश्चित करता है कि जमा किया गया प्लास्टिक सही प्रकार से रखा जाए और रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाए. रिसाइकलिंग के जरिये प्लास्टिक को नए उत्पादों में बदला जा सकता है, जिससे नए प्लास्टिक की मांग घटेगी और एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.