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दोहरी मार: खुदरा महंगाई बढ़कर 5 माह के उच्च स्तर पर, 18 माह में पहली बार घटा औद्योगिक उत्पादन

खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 9वें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है.

दोहरी मार: खुदरा महंगाई बढ़कर 5 माह के उच्च स्तर पर, 18 माह में पहली बार घटा औद्योगिक उत्पादन

Thursday October 13, 2022 , 3 min Read

भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) और औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) दोनों ही मोर्चों पर झटके का सामना करना पड़ा है. आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति 5 महीने के उच्चस्तर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि औद्योगिक उत्पादन पिछले 18 माह में पहली बार घट गया. खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 9वें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह अगस्त में 7 प्रतिशत और सितंबर, 2021 में 4.35 प्रतिशत थी. खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति इस साल सितंबर में बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 7.62 प्रतिशत थी. मुद्रास्फीति के 6 प्रतिशत से अधिक रहने पर RBI को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी.

इस रिपोर्ट में RBI को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा. केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के दायरे में बनी रहे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले महीने के आंकड़े और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति से तय होगा कि दिसंबर में आरबीआई ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत या 0.50 प्रतिशत, कितनी बढ़ोतरी करेगा.

औद्योगिक उत्पादन कितना गिरा

विनिर्माण और खनन जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अगस्त में 0.8 प्रतिशत घटकर 18 महीने के निचले स्तर पर आ गया. एक साल पहले समान महीने में औद्योगिक उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़ा था. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली. इससे पहले फरवरी, 2021 में औद्योगिक उत्पादन में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी. अगस्त, 2021 में औद्योगिक उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि इस साल जुलाई में इसमें 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों यानी अप्रैल-अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 7.7 प्रतिशत बढ़ा है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 29 प्रतिशत रही थी.

किस क्षेत्र में कितना गिरा उत्पादन

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में इस साल अगस्त में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. पिछले साल इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 11.1 प्रतिशत बढ़ा था. बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त, 2022 में 1.4 प्रतिशत रही. अगस्त, 2021 में इसमें 16 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई थी. खनन क्षेत्र के उत्पादन में अगस्त में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले के इसी माह में इसमें 23.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

निवेश को प्रतिबिंबित करने वाले पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में अगस्त, 2022 के दौरान पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह अगस्त, 2021 में 20 प्रतिशत बढ़ा था. वहीं, टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन अगस्त में 2.5 प्रतिशत घट गया, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इसके अलावा प्राथमिक वस्तुओं के मामले में वृद्धि अगस्त में 1.7 प्रतिशत रही. पिछले वर्ष के इसी महीने में इसमें 16.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. IIP में प्राथमिक वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 34 प्रतिशत है.


Edited by Ritika Singh