रतन टाटा की कंपनी Tata Power पर हुआ साइबर अटैक
देश के सबसे सम्मानित उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) की एक कंपनी पर साइबर अटैक (cyber attack) हुआ है. कंपनी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनियों में से एक टाटा पावर (Tata Power) ने पुष्टि की है कि कंपनी साइबर अटैक (cyber attack on Tata Power) की चपेट में है.
शुक्रवार को जारी एक संक्षिप्त बयान में, मुंबई स्थित कंपनी ने कहा कि इस हमले ने कंपनी के IT सिस्टम को अपना निशाना बनाया.
कंपनी ने स्थानीय स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में कहा, “कंपनी ने सिस्टम को रिट्रीव करने और रिस्टोर करने के लिए कदम उठाए हैं. सभी महत्वपूर्ण ऑपरेशनल सिस्टम काम कर रहे हैं; हालांकि, एहतियात के तौर पर, एम्प्लॉई और कस्टमर-फेसिंग पोर्टल्स और टचप्वाइंट्स की जांच की गई है.”
हालांकि, टाटा पावर ने इस मामले में और कोई जानकारी साझा नहीं की. टेकक्रंच द्वारा पूछे जाने पर, कंपनी के पीआर प्रतिनिधि ने हमले की प्रकृति और कंपनी पर इसके प्रभाव से संबंधित सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया और यह कहने से इनकार कर दिया कि क्या कोई डेटा चोरी हुआ था. "जैसा कि बयान में कहा गया है, कंपनी ने सिस्टम को रिट्रीव करने और रिस्टोर करने के लिए कदम उठाए हैं. सभी महत्वपूर्ण ऑपरेशनल सिस्टम काम कर रहे हैं,” प्रतिनिधि ने कहा.
आपको बता दें कि कंपनी दक्षिण एशियाई राष्ट्र में बिजली का उत्पादन, प्रसारण और खुदरा बिक्री करती है और 2045 तक नेट ज़ीरो (Tata power net zero) बनने के लक्ष्य के साथ, अपने पोर्टफोलियो में स्वच्छ ऊर्जा (clean energy) की हिस्सेदारी को पांच वर्षों में 60% से दोगुना करने का लक्ष्य रखती है. कंपनी 13,974MW बिजली उत्पादन क्षमता का दावा करती है, जो देश में सबसे अधिक है.
हाल के दिनों में, टाटा पावर ने रूफटॉप सोलर और माइक्रोग्रिड, स्टोरेज सॉल्यूशंस, सोलर पंप, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और होम ऑटोमेशन के जरिए अपने कारोबार को बढ़ाने में रुचि दिखाई है. कंपनी अपनी वितरक कंपनियों के माध्यम से 12 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं को सेवा दे रही है.
भारत सरकार ने अपने सार्वजनिक बयानों में देश के राष्ट्रव्यापी बिजली नेटवर्क की साइबर सुरक्षा को एक चुनौती के रूप में उजागर किया है. अप्रैल में अमेरिका स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी Recorded Future की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि चीन के हैकर्स ने भारतीय बिजली क्षेत्र को निशाना बनाया था. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उस रिपोर्ट का जवाब दिया और कहा कि देश ने चीन के साथ इस मुद्दे को नहीं उठाया है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कथित तौर पर आरोपों का खंडन किया.