राजस्थान बजट 2025-26: राजस्थान व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लागू, जानिए क्यों खास है राज्य का पहला ग्रीन बजट?
अपने पहले ‘ग्रीन थीम बजट’ में राज्य सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी, रूरल डेवलपमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर दिया है. इस बजट में प्रदेश की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने राज्य को वर्ष 2030 तक 350 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का ऐलान किया है.
राजस्थान सरकार ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया है. ‘विकसित राजस्थान’ पर जोर देते हुए एक ऐतिहासिक पहल के तहत इस वर्ष के बजट को राज्य सरकार ने ‘ग्रीन थीम बजट’ बताया है. अपने पहले ‘ग्रीन थीम बजट’ में राज्य सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी, रूरल डेवलपमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर दिया है. इस बजट में प्रदेश की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने राज्य को वर्ष 2030 तक 350 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का ऐलान किया है.
राज्य सरकार ने ‘ग्रीन बजट’ में 10 प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस किया है, वे हैं – (1) जलवायु परिवर्तन अनुकूलन (2) वन एवं पर्यावरण- जैव विविधता/पारिस्थितिकी (3) सतत कृषि, जल संचयन/पुनर्भरण (4) सतत भूमि उपयोग (5) हरित ऊर्जा (6) पुनर्चक्रण एवं अपशिष्ट निपटान- परिपत्र अर्थव्यवस्था (7) स्वच्छ तकनीक विकास (8) हरित लेखा परीक्षा (9) क्षमता निर्माण-शिक्षा, कौशल (10) हरित वित्त पोषण.
वित्त मंत्री दीया कुमारी ने अपने बजट भाषण में कहा, “राज्य में 5 वर्षीय ‘जलवायु अनुकूलन योजना–2030’ लागू होगी. 150 करोड़ रुपये की लागत से Centre of Excellence for Climate Change खोला जाएगा. हरित क्षेत्र विस्तार हेतु Tree Outside Forest (ToFR) Policy व एग्रो-फॉरेस्ट्री नीति लागू की जाएगी. सवाई माधोपुर में घड़ियाल पालन केंद्र खोले जाएंगे. नेशनल नैचुरल फार्मिंग मिशन के तहत आगामी वर्ष में 2.50 लाख किसानों को अनुदान दिए जाएंगे. राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख किसानों को जैव एजेंट्स व बायोपेस्टिसाइड्स का लाभ मिलेगा. लघु एवं सीमांत किसानों को बैल से खेती हेतु ₹30 हज़ार का प्रोत्साहन, गोबर गैस संयंत्र पर सब्सिडी दी जाएगी.”
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 की घोषणा की गई है. इस मिशन के तहत 4,700 से अधिक गाँवों में Water Harvesting Structures पर ₹2,700 करोड़ व्यय का प्रावधान है.
‘विकसित राजस्थान 2047’ का लक्ष्य रखते हुए राज्य सरकार ने GIS आधारित Green Land Use Perspective Plan तैयार करने की घोषणा की है.
सौर उपकरणों के बढ़ते उपयोग हेतु सोलर दीदी के रूप में नवीन मानदेय की घोषणा की गई है. इसके तहत 25 हज़ार महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
PHED (Public Health Engineering Department) के पंपिंग स्टेशनों को Hybrid Annuity Model (HAM) मॉडल से सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा.
प्रदेश की वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बजट में घोषणा करते हुए कहा, “राज्य में Rajasthan Vehicle Scrap Policy लागू होगी. सभी ज़िला मुख्यालयों पर Waste to Wealth Parks बनेंगे तथा ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक की स्थापना की जाएगी. Circular Economy के व्यापक प्रसार के लिये Rajasthan Circular Economy Incentive Scheme–2025 का प्रावधान किया गया है. Recycling/Reuse हेतु R&D को ₹2 करोड़ के अनुदान का प्रावधान किया गया है. Circular Economy के क्षेत्र में कार्यरत MSMEs व Startups को ऋण पर 0.5% अतिरिक्त छूट प्रदान किया जाएगा.”
₹250 करोड़ से स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकी विकास केंद्र की स्थापना की जाएगी. आगामी 3 वर्षों में ₹900 करोड़ से स्वच्छ और हरित-पारिस्थितिकी शहर का विकास किया जाएगा. सतत विकास लक्ष्य समन्वय और त्वरण केंद्र (SDGCAC) की स्थापना की जाएगी. कार्बन क्रेडिट के तर्ज पर Rajasthan Green Credit Mechanism एवं Tradable Credits विकसित किया जाएगा. ₹100 करोड़ से Rajasthan Green Challenge Fund शुरु किया गया है. इसके अलावा, ₹250 करोड़ से हरित आरावली विकास परियोजना प्रारंभ की गई है.
यह बजट पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, जल संरक्षण और सतत कृषि के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस ‘ग्रीन बजट’ के ज़रिए राजस्थान सरकार ने यह संकेत दिया है कि आर्थिक प्रगति अब पर्यावरण के साथ जुड़ी होगी. यह बजट न केवल आर्थिक दिशा में, बल्कि प्रकृति की रक्षा की दिशा में भी एक निर्णायक कदम है.