Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

अवनि लेखरा बनीं दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी

निशानेबाज अवनि लेखरा ने तोक्यो खेलों की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया जिससे वह दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयीं।

अवनि लेखरा बनीं दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी

Friday September 03, 2021 , 3 min Read

तोक्यो: निशानेबाज अवनि लेखरा ने शुक्रवार को यहां तोक्यो खेलों की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया जिससे वह दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयीं। खेलों में पदार्पण करने वाली लेखरा इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। यह भारत का निशानेबाजी में भी पहला ही पदक था।


उन्नीस साल की लेखरा ने 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा में 1176 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया था जिसमें 51 ‘इनर 10’ (10 अंक के 51 निशाने) शामिल थे। फाइनल काफी कड़ा मुकाबला रहा जिसमें लेखरा ने कुल 445.9 अंक का स्कोर बनाया और वह यूक्रेन की इरिना श्चेटनिक से आगे रहकर पदक हासिल करने में सफल रहीं। वहीं यूक्रेन की निशानेबाज एलिमिनेशन में खराब शॉट से पदक से चूक गयीं।


उन्होंने कहा, ‘‘यह मुश्किल फाइनल था लेकिन मैं खुश हूं कि कांस्य पदक जीत सकी। मैं इससे भी बेहतर कर सकती थी। फाइनल का आप पर ऐसा ही असर होता है। ’’ 


उन्होंने कहा, ‘‘अपने पहले पैरालंपिक खेलों में दो पदक जीतने का अनुभव शानदार है। ये दोनों मेरी पसंदीदा स्पर्धायें हैं। मैं इन दोनों के लिये काफी महीनों से कड़ी मेहनत कर रही थी। मैंने अंतिम शॉट में अपना शत प्रतिशत दिया। ’’ 


अवनि ने अपने स्वर्ण पदक के जश्न का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिस पर मुझे काम करना है और मैं निश्चित रूप से अगली बार इससे भी बेहतर करूंगी। काफी ध्यान भटकाने वाली चीजें रहीं लेकिन मैंने अपना शत प्रतिशत दिया।’’ 


जयपुर की निशानेबाज के 2012 में हुई कार दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लग गयी थी, उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में 249.6 के विश्व रिकार्ड की बराबरी कर पैरालंपिक का नया रिकॉर्ड बनाया था।


उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने 1984 पैरालंपिक में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे। उनका रजत पदक गोला फेंक में जबकि दो कांस्य पदक चक्का फेंक और भाला फेंक में मिले थे।


भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने भी पैरालंपिक में तीन पदक (दो स्वर्ण और एक रजत) जीते हैं लेकिन उनके सभी पदक खेलों के विभिन्न चरण में मिले हैं। शुक्रवार की स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की झांग कुईपिंग ने 457.9 अंक से खेलों के नये रिकार्ड के साथ हासिल किया जबकि जर्मनी की नताशा हिल्ट्रोप ने 457.1 अंक से रजत पदक हासिल किया।


एचएच1 राइफल स्पर्धा में खिलाड़ियों के पैरों में विकार होता है जिसमें उनका पैर काटना पड़ा हो या फिर नीचे के अंग में पक्षाघात हो गया। कुछ खिलाड़ी बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं। लेखरा अब मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन एसएच1 स्पर्धा में दीपक और सिद्धार्थ बाबू के साथ हिस्सा लेती हुई नजर आयेंगी।


लेखरा ने 2015 में अपने पिता के जोर देने पर निशानेबाजी शुरू की थी। वकालत की पढ़ाई कर रही लेखरा ने संयुक्त अरब अमीरात में 2017 विश्व कप में भारत के लिये पदार्पण किया था। पुरूषों की 50 मीटर राइफल थ्री पी स्पर्धा में दीपक फाइनल के लिये क्वालीफाई करने में असफल रहे। वह 1114 के स्कोर से 18वें स्थान पर रहे। लेखरा के कांस्य से भारत के पदकों की संख्या 12 हो गयी है।


देश ने अभी तक दो स्वर्ण, छह रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं जो अभूतपूर्व और उल्लेखनीय प्रदर्शन है क्योंकि इससे पहले भारत ने पिछले सभी खेलों में मिलाकर 12 पदक जीते थे।


(PTI)