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2024 में भारतीय स्टार्टअप्स को मिली 11.3 अरब डॉलर की फंडिंग; 6 यूनिकॉर्न बने, 37 IPO खुले

ये रुझान एक चुनौतीपूर्ण मैक्रोइकॉनमिक आर्थिक माहौल और निवेशक की जागरुक सोच को दिखाते हैं, जबकि भारतीय तकनीक लगातार इन्नोवेशन कर रही है और पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही है.

2024 में भारतीय स्टार्टअप्स को मिली 11.3 अरब डॉलर की फंडिंग; 6 यूनिकॉर्न बने, 37 IPO खुले

Wednesday December 25, 2024 , 7 min Read

हाइलाइट्स

2024 में, भारत के टेक स्टार्टअप $11.3 बिलियन की फंडिंग पाने में सफल रहे

भारत फंडिंग में तीसरे स्थान पर रहा, भारत से ऊपर सिर्फ यूएस और यूके थे, और भारत चीन और जर्मनी से ऊपर रहा

भारत के टेक इकोसिस्टम में 2024 6 यूनिकॉर्न, 37 IPO और 113 अधिग्रहण देखने को मिले

साल 2024 के शुरू से चौथी तिमाही तक फंडिंग 3 साल में सबसे कम थी जिसमें 219 राउंड में $1.8 बिलियन जमा हुए

गिग इकॉनमी, रिटेल, और एंटरप्राइज एप्लीकेशन सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्टर रहे

बेंगलुरु, मुंबई और गुरुग्राम सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाले शहरों के रूप में सामने आए

2024 में, भारत के टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम ने 11.3 अरब (बिलियन) डॉलर की फंडिंग हासिल की, जो 2023 के $10.7 बिलियन से 6% की मामूली बढ़त है, लेकिन 2022 की तुलना में 56% की बड़ी गिरावट है. 2024 के आखिरी छह महीनों में, भारत के टेक ने 540 राउंड में $5.32 बिलियन जुटाए, यह 2023 के आखिरी छह महीनों से 8% ज्यादा है जब 890 राउंड में $4.92 बिलियन जमा हुए थे, लेकिन यह 2022 के आखिरी छह महीनों की तुलना में 22% कम था जब 1,210 राउंड में $6.81 बिलियन जमा हुए थे. डेटा यह दिखाता है कि फंडिंग राउंड्स की संख्या कम हो रही है, लेकिन उनका आकार बड़ा हो रहा है, जो निवेशकों की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाता है. मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Tracxn की हालिया रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है.

2024 साल के शुरू से चौथी तिमाही तक फंडिंग 3 साल में सबसे कम थी जिसमें 219 राउंड में $1.8 बिलियन जमा हुए, यह पिछले तीन सालों में सबसे कम है. इससे 2024 की तीसरी तिमाही के $3.5 बिलियन से 47.5% की भारी कमी का पता चलता है और 2023 की चौथी तिमाही के $2.7 बिलियन से 33.3% की कमी का पता चलता है. भारत ने वैश्विक फंडिंग में तीसरा स्थान प्राप्त किया, केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद, जबकि चीन और जर्मनी से आगे रहा.

ये रुझान एक चुनौतीपूर्ण मैक्रोइकॉनमिक आर्थिक माहौल और निवेशक की जागरुक सोच को दिखाते हैं, जबकि भारतीय तकनीक लगातार इन्नोवेशन कर रही है और पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही है.

इस बारे में बाते बात करते हुए, Tracxn की को-फाउंडर नेहा सिंह ने कहा, “रिपोर्ट 2023 की तुलना में फंडिंग में थोड़ी बढ़ोतरी दिखाते भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की मजबूती और दुबारा से सब व्यवस्थित करने वाले साल पर रोशनी डालती है. फंडिंग के पैटर्न कम लेकिन बड़े राउंड्स की ओर विकसित हो गए हैं, वहीं छह यूनिकॉर्न का उभरना, आईपीओ गतिविधियों में वृद्धि, और गिग इकॉनमी, रिटेल, और एंटरप्राइज एप्लिकेशन जैसे क्षेत्रों में विकास इस बात को दर्शाते हैं कि भारतीय इकोसिस्टम वैश्विक चुनौतियों के बीच भी अनुकूलन और नवाचार करने में सक्षम है, जिससे भारत उद्यमशीलता उत्कृष्टता और नवाचार का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र बन रहा है.”

2024 में भारत के टेक इकोसिस्टम में 6 यूनिकॉर्न सामने आए, यह 2023 में 2 यूनिकॉर्न की तुलना में 200% की बढ़ोतरी दिखाता है, लेकिन 2022 में 24 यूनिकॉर्न से 75% की गिरावट आई है. अधिग्रहण के मामले में, 113 डील्स दर्ज की गई, जो 2023 में 140 अधिग्रहणों की तुलना में 19.3% की गिरावट और 2022 में 192 अधिग्रहणों की तुलना में 41.1% की कमी को दर्शाती है. iBUS को NIIF द्वारा $200 मिलियन में अधिग्रहित किया गया, जो 2024 का सबसे मूल्यवान अधिग्रहण बन गया, इसके बाद लॉयल हॉस्पिटैलिटी का Finnest द्वारा $160 मिलियन में अधिग्रहण.

2024 में बड़े निवेशकों से भी काफी सहयोग मिला, जिसमें Accel, Blume Ventures और Peak XV Partners भारत टेक इकोसिस्टम में सबसे बड़े वेंचर कैपिटलिस्ट रहे. बिलकुल शुरुआती स्टेज में, Venture Catalysts, Z Nation Lab और Blume Ventures प्रमुख निवेशक के रूप में सामने आए, जबकि Accel, Peak XV Partners और Elevation Capital ने शुरुआती स्टेज में दबदबा बनाया और SoftBank Vision Fund, Creaegis और Avataar Ventures लेट स्टेज में सबसे सक्रिय निवेशक के रूप में सामने आए.

वेंचर कैपिटलिस्ट में से, 2024 में 26 राउंड भारत का ही Venture Catalysts सबसे अधिक निवेश करते हुए सबसे आगे रहा, जबकि भारत के ही एक और फंड Blume Ventures ने अपने पोर्टफोलियो में 14 नई कंपनियों को जोड़ा. बाद की स्टेज के VC निवेश में यूनाइटेड किंगडम के SoftBank Vision Fund और भारत के Creaegis ने अपने पोर्टफोलियो में 2-2 कंपनियां जोड़ीं.

शहरों के आधार पर होने वाली फंडिंग में बेंगलुरु, मुंबई और गुरुग्राम सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाले शहरों के रूप में सामने आए पूरे भारत में तकनीकी कंपनियों को मिली कुल फंडिंग में बेंगलुरु स्थित तकनीकी फर्मों का हिस्सा 30.28% रहा. इसके बाद मुंबई 27.07% के साथ दूसरे स्थान पर रहा.

सेक्टर के अनुसार रुझान और खास बातें

गिग इकॉनमी, रिटेल, और एंटरप्राइज एप्लीकेशन सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्टर रहे. गिग इकोनॉमी ने $2.2 बिलियन की फंडिंग दर्ज की, जो 2023 में $420 मिलियन से 414% की असाधारण बढ़ोतरी है, यह इसकी तेजी से होने वाली प्रगति और निवेशकों के विश्वास को दिखाती है. दूसरी ओर, रिटेल सेक्टर ने $2.6 बिलियन की फंडिंग हासिल की, जो 2023 में $3 बिलियन से 13% की गिरावट दर्शाता है, यह बाजार के पुनर्संतुलन को दिखाता है. एंटरप्राइज एप्लिकेशन में $2.2 बिलियन की फंडिंग देखी गयी, जो 2023 में $2.5 बिलियन से 11% कम है, इससे रणनीतिक निवेश में बदलाव का पता चलता है.

क्विक कॉमर्स Zepto (Unicorn), Dunzo (Soonicorn), और Swish and Farmako (Minicorns) सहित 40 सक्रिय कंपनियों के साथ तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्र के रूप में सामने आया. 2024 में साल के शुरू से लेकर अब तक, सेक्टर ने 7 राउंड्स में $1.37 बिलियन की फंडिंग प्राप्त की, जो ज्यादातर Zepto द्वारा हासिल की गई, जिसने तीन $300 मिलियन के राउंड्स से कुल $1.355 बिलियन इकट्ठा किए. प्रमुख निवेशकों में Goodwater Capital, StepStone Group, और Lightspeed Venture Partners शामिल थे.

भारत का EdTech सेक्टर नवाचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहा, जिसमें 12,000 से ज्यादा सक्रिय कंपनियाँ थीं, जिनमें 138 X-Corns भी शामिल हैं. इस सेक्टर ने 2024 में साल के अंत तक 72 इक्विटी फंडिंग राउंड से $620 मिलियन जुटाए, जिसमें सबसे आगे Physics Wallah के $210 मिलियन का फंडिंग राउंड रहा. अलग-अलग स्टेज में होने वाले निवेशों में Alteria Capital सबसे सक्रिय निवेशक के रूप में सामने आया.

हेल्थटेक क्षेत्र ने 2024 में अच्छी बढ़ोतरी का प्रदर्शन किया, 7,000 से अधिक सक्रिय कंपनियों ने सामूहिक रूप से $1 बिलियन जुटाए, जो 2023 में $438.2 मिलियन की तुलना में 133% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी है. इस तेज बढ़ोतरी के पीछे API Holdings ($216 मिलियन) और Apollo 24|7 ($297 मिलियन) के महत्वपूर्ण फंडिंग राउंड थे. इस क्षेत्र में वर्ष के दौरान एक आईपीओ मील का पत्थर साबित हुआ, इसने 2024 में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपनी स्थिति मजबूत की.

इंडिया टेक में 2024 में 37 आईपीओ देखने को मिले, यह 2023 में 21 आईपीओ की तुलना में 76.19% ज्यादा और 2022 में 19 आईपीओ की तुलना में 94.74% ज्यादा है. बड़े आईपीओ में Swiggy, Niva Bupa, BlackBuck, और C2C Advanced Systems शामिल थे. 2024 में साल के शुरू से अब तक, इंडिया टेक को $100 मिलियन से ज्यादा के 20 राउंड मिले, जबकि 2023 में ऐसे 18 राउंड और 2022 में 53 राउंड हुए थे. Lightspeed Venture Partners द्वारा आगे रहकर चलाए जा रहे $665 मिलियन सीरीज F राउंड में Zepto सबसे आगे रहा, इससे कंपनी का मूल्य $3.6 बिलियन से अधिक हो गया. TI Clean Mobility ने सीरीज D राउंड में $359.29 मिलियन जुटाए, जबकि Flipkart ने Google के नेतृत्व में सीरीज J राउंड में $350 मिलियन हासिल किए, अब कंपनी का मूल्य $36 अरब से अधिक हो गया. इसके अलावा अच्छी फंडिंग पाने वालों में Mechanic Pro और DMI Finance शामिल रहे, ये भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में मजबूत निवेश के माहौल में योगदान दे रहे हैं.

उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाले रणनीतिक कदम

2024 में सरकारी नीतियों ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, हेल्थटेक और एडटेक जैसे खास क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा दिया. 10,900 करोड़ रुपये ($1.28 बिलियन) की PM-eDrive योजना का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने और बुनियादी ढांचे में तेजी लाना है, जबकि राष्ट्रीय डीप टेक स्टार्टअप नीति एआई, रोबोटिक्स और IoT में लम्बे समय तक फंडिंग की सुविधा दे रही है. केंद्रीय बजट 2024-25 में एंजेल टैक्स को खत्म करने से निवेश गतिविधि और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

इनोवेशन और रोजगार सृजन को अच्छा बढ़ावा देने वाले के रूप में DPIIT (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप सामने आए हैं. मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया योजना, महिला ई-हाट और TREAD जैसी पहल वित्तीय सहायता, मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और कौशल विकास का मौका देकर महिला उद्यमिता को बढ़ावा दे रही हैं. खास तौर से, इकोसिस्टम की विविधता की ओर साफ़ तौर से ध्यान दिया जा रहा है, 30 जून, 2024 तक 67,499 DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में कम से कम एक महिला निदेशक थी.

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