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AI के जरिए खेती करने में किसानों की मदद कर रहा है एग्रीटेक स्टार्टअप BharatAgri

बेंगलुरु स्थित क्रॉप-इनपुट ई-कॉमर्स स्टार्टअप BharatAgri किसानों के लिए गेम-चेंजिंग सॉल्यूशन लेकर आया है. इसने GAI को अपने बिजनेस मॉडल में सफलतापूर्वक इंटीग्रेट किया है, जिससे किसानों के इसके प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ने में क्रांतिकारी बदलाव आया है.

AI के जरिए खेती करने में किसानों की मदद कर रहा है एग्रीटेक स्टार्टअप BharatAgri

Tuesday August 29, 2023 , 8 min Read

हाइलाइट्स

  • BharatAgri की स्थापना साल 2018 में IIT मद्रास के पूर्व छात्रों — सिद्धार्थ डायलानी और साईं गोले ने मिलकर की थी
  • एग्रीटेक स्टार्टअप का AI-संचालित बॉट किसानों के सवालों के जवाब देने में माहिर है
  • BharatAgri का यूट्यूब चैनल भी है

भारत एक कृषि प्रधान देश है. हमेशा से कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग रहा है. और देश में कृषि प्रथाओं का समृद्ध इतिहास है. हालांकि बढ़ती आबादी के साथ, कृषि क्षेत्र में उत्पादकता एवं क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाना बहुत ज़रूरी हो गया है. हाल ही के वर्षों में एग्रीटेक स्टार्टअप्स द्वारा पेश किए गए आधुनिक समाधानों के चलते भारतीय कृषि में बड़े बदलाव आए हैं, जो पारम्परिक तरीकों के दायरे से बढ़कर कृषि को अधिक प्रभावी बना रहे हैं. वर्तमान में भारत में कई एग्रीटेक स्टार्टअप्स हैं जो आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर कृषि को अधिक प्रभावी एवं स्थायी बनाने के लिए काम कर रहे हैं. ये स्टार्टअप किसानों को उनकी फसलों के बेहतर प्रबन्धन, उत्पादकता बढ़ाने, व्यर्थ कम करने में मदद करते हैं.

जिस तरह जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (GAI) बाकी सेक्टर्स के लिए फायदेमंद साबित रही है; यह भारत के एग्रीटेक सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी. नीति आयोग के अनुसार, AI का एकीकरण 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 1 ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने की क्षमता रखता है.

ऐसे में, बेंगलुरु स्थित क्रॉप (फसल)-इनपुट ई-कॉमर्स स्टार्टअप BharatAgri किसानों के लिए गेम-चेंजिंग सॉल्यूशन लेकर आया है. इसने GAI को अपने बिजनेस मॉडल में सफलतापूर्वक इंटीग्रेट किया है, जिससे किसानों के इसके प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ने में क्रांतिकारी बदलाव आया है. GPT (जेनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफार्मर) मॉडल का उपयोग करके, BharatAgri का AI-संचालित बॉट किसानों के सवालों के जवाब देने में माहिर है, और यह इंसानों की तुलना में त्रुटि दर को कम कर रहा है.

BharatAgri की स्थापना साल 2018 में IIT मद्रास के पूर्व छात्रों — सिद्धार्थ डायलानी और साईं गोले ने मिलकर की थी.

क्या करता है स्टार्टअप

BharatAgri किसानों के लिए एक सलाहकार संचालित क्रॉप-इनपुट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो खेतों में कम उत्पादन की प्रमुख समस्या का समाधान कर रहा है. दुर्भाग्य से, अधिकांश भारतीय किसान वैज्ञानिक तकनीकों को खेती में लागू नहीं करते हैं. समय-समय पर, वे गलत या महँगा बीज या फर्टिलाइजर भी खरीद लेते हैं. इससे उत्पादकता कम होती है और नुकसान होता है क्योंकि किसान अपने खेत की क्षमता का पूरा उपयोग करने में असमर्थ होते हैं.

यह स्टार्टअप खेती के लिए जमीन की तैयारी से लेकर कटाई तक, पोषण प्रबंधन, कीट और रोग प्रबंधन, जल प्रबंधन और अंतर-फसल संचालन के बारे में जानकारी देकर कृषि प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत वैज्ञानिक तकनीक प्रदान करके इस अंतर को पाटता है. BharatAgri किसानों को अधिक सटीक सलाह देने के लिए कृषि संबंधी डेटा के साथ मौसम-आधारित मापदंडों को जोड़ता है.

बिजनेस मॉडल

YourStory के साथ बात करते हुए BharatAgri के को-फाउंडर और सीईओ सिद्धार्थ डायलानी इसके बिजनेस मॉडल के बारे में विस्तार से बताते हैं, "हमने सीखा कि उद्योग में एक बड़ा अंतर है, और किसानों के लिए व्यक्तिगत और गतिशील वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करने की पहुंच शून्य से सीमित है. वास्तव में, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाले बीज और फर्टिलाइजर तक पहुंच भी एक चुनौती बनी हुई है. हमने महसूस किया कि BharatAgri को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के बजाय डॉक्टर-रोगी जैसा रिश्ता बनाने की जरूरत है."

वे आगे बताते हैं, "किसान अपने खेत के लिए सही सलाह पाने के लिए BharatAgri प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं. उदाहरण के लिए, उनकी फसल पर किसी विशेष बीमारी का इलाज कैसे किया जाए. BharatAgri फर्टिलाइजर या कीटनाशक जैसे सही फसल-इनपुट की सिफारिश करके समस्या का वैज्ञानिक समाधान प्रदान करता है. किसान उस कृषि इनपुट को प्लेटफॉर्म से खरीद सकते हैं जिसे 3-4 कार्य दिवसों में डिलीवर किया जाता है."

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कैसे काम करता है BharatAgri

सीईओ सिद्धार्थ समझाते हैं, "हमारा समाधान दो तरीकों से काम करता है. सबसे पहले, किसान अपने खेत के बारे में जानकारी जैसे कि फसल, क्षेत्र, सिंचाई आदि दर्ज करते हैं. हमारा सिस्टम आने वाले दिनों में फसल के सामने आने वाली कीट/बीमारी/विकास संबंधी समस्याओं की भविष्यवाणी करता है. यह जानकारी किसानों को समस्या को रोकने के साथ-साथ फसल की वृद्धि में सुधार करने में भी मदद कर सकती है. फिर किसान सुझाए गए समाधान के लिए ऑर्डर दे सकते हैं. उपयोगकर्ताओं को दी जाने वाली सभी सलाह AI-संचालित प्रणाली के माध्यम से तैयार की जाती है. हमारा सिस्टम किसानों, मौसम केंद्रों, मिट्टी के मानचित्रों और सैटेलाइट इमेजिंग से प्राप्त डेटा का उपयोग करता है. यह न केवल सिस्टम को स्केलेबल बनाता है बल्कि सटीक भी बनाता है. किसानों को कोई भी सिफारिश देने से पहले 30 से अधिक मापदंडों को ध्यान में रखा जाता है."

सिद्धार्थ आगे बताते हैं, "दूसरा, किसान किसी खास प्रोडक्ट को खोज सकते हैं और सीधे अपने मोबाइल से ऑर्डर दे सकते हैं. इससे किसानों को उन नए प्रोडक्ट्स तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिलती है जो अक्सर बेहतर होते हैं और जो उनके लोकल मार्केट में अधिक कीमतों पर उपलब्ध नहीं होते हैं. ये प्रोडक्ट्स सीधे उनके दरवाजे पर तुरंत (आमतौर पर 1-2 दिन में) पहुंचाए जाते हैं और किसान इन प्रोडक्ट्स की प्रामाणिकता के प्रति आश्वस्त रहते हैं. क्योंकि स्थानीय दुकानों से इनकी खरीदारी करना एक बड़ी समस्या है."

फंडिंग और रेवेन्यू

BharatAgri सीरीज ए फंडेड कंपनी है. फरवरी 2023 में, इसने Capria Ventures के नेतृत्व में विस्तारित सीरीज ए राउंड में 14 करोड़ रुपये जुटाए थे. इस राउंड में Omnivore, India Quotient और 021 Capital, Ratnagiri Impex और संजीव रंगरास सहित मशहूर निवेशकों की भागीदारी भी देखी गई. इससे पहले, स्टार्टअप ने सितंबर 2021 में, India Quotient और 021 Capital की भागीदारी के साथ Omnivore के नेतृत्व में सीरीज ए राउंड में 6.5 मिलियन डॉलर जुटाए थे.

जैसा कि BharatAgri किसानों को बीज, फर्टिलाइजर और कीटनाशक जैसे सही फसल-इनपुट का सुझाव देता है; यह प्लेटफ़ॉर्म पर बेचे जाने वाले प्रत्येक प्रोडक्ट से अपना रेवेन्यू हासिल करता है. हालांकि, को-फाउंडर्स ने रेवेन्यू के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया.

सीईओ सिद्धार्थ डायलानी बताते हैं, "BharatAgri प्लेटफॉर्म वर्तमान में हर महीने 25,000+ ऑर्डर जेनरेट करता है. कैलेंडर वर्ष के अंत तक इसके प्रति माह 50,000+ ऑर्डर तक बढ़ने की उम्मीद है."

चुनौतियां

इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में सिद्धार्थ कहते हैं, "जब हमने 2018 में कंपनी शुरू की थी, तब ग्रामीण भारत में स्मार्टफोन की पहुंच बहुत कम थी. आज, स्मार्टफोन का उपयोग सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है और तेजी से बढ़ रहा है. किसान अब व्हाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हैं. इससे हमें वहां मौजूद रहने का मौका मिलता है जहां वे अपना अधिकांश समय बिताते हैं. BharatAgri का यूट्यूब चैनल हमारे सबसे बड़े अधिग्रहण चैनलों में से एक है. हमारे लगभग 106K सब्सक्राइबर हैं और किसानों द्वारा खेती के बारे में एडवांस टिप्स के वीडियो देखें जाते हैं."

सिद्धार्थ बताते हैं, "हमने यह भी महसूस किया कि भले ही किसान स्मार्टफोन पर सक्रिय हैं, लेकिन उन्हें वैज्ञानिक सलाह समझने और ऑनलाइन ऑर्डर देने के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है. तभी हमने चैट एप्लिकेशन से शुरुआत करते हुए जेनरेटिव AI-संचालित ग्राहक सहायता को शामिल करना शुरू किया. आज, हमारे 30% प्रश्नों का समाधान चैटबॉट द्वारा किया जाता है. इससे न केवल हमारी दक्षता बढ़ती है बल्कि हमारी ग्राहक सहायता भी अधिक सटीक और तेज हो जाती है. इसके बाद यूजर चैट विंडो से ही फार्म इनपुट खरीदने के लिए ऑर्डर दे सकते हैं."

को-फाउंडर आगे बताते हैं, "जीपीटी (जेनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफार्मर) मॉडल का उपयोग करते हुए, BharatAgri का एआई-संचालित बॉट इंसानों की तुलना में त्रुटि दर को कम करते हुए किसानों के सवालों के जवाब देने में माहिर है. हमारा चैटबॉट एक इंटरैक्टिव चैट इंटरफ़ेस के माध्यम से उपयोगकर्ताओं के कृषि संबंधी और गैर-कृषि संबंधी बुनियादी प्रश्नों के जवाब देता है. वर्तमान में, चैटबॉट अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में उपलब्ध है. हम जल्द ही गुजराती, कन्नड़, तमिल, बंगाली, तेलुगु और असमिया जैसी अधिक भाषाओं को शामिल करने की योजना बना रहे हैं."

सिद्धार्थ डायलानी बताते हैं, "हम किसानों के लिए चैटबॉट का उपयोग आसान बनाने के लिए अधिक सुविधाओं को शामिल करने पर भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, जैसे कि बीज, फर्टिलाइजर और कीटनाशकों जैसे सही कृषि समाधानों की सिफारिशें करना, प्रोडक्ट्स को ऑर्डर करना और उन्हें ट्रैक करना. उदाहरण के लिए, एक किसान क्विक क्वेरी में टाइप कर सकता है कि उसके खेत में प्याज पीला हो रहा है और चैटबॉट फसल के साथ क्या समस्याएं हो सकती हैं, इस पर प्रतिक्रिया देगा और फिर उपयोग करने के लिए सही कीटनाशक का सुझाव भी देगा. हम इस प्रक्रिया को और भी सरल बनाने के लिए वॉइस सपोर्ट को शामिल करने पर भी विचार कर रहे हैं ताकि किसानों को अपनी क्वेरी टाइप करने पर निर्भर न रहना पड़े."

सिद्धार्थ कहते हैं, "हमारा मानना है कि यह परिवर्तनकारी टेक्नोलॉजी सटीक वैज्ञानिक सलाह प्रदान करके और हमारे उपयोगकर्ताओं को उनकी फसल-संबंधी समस्या को हल करने के लिए सही प्रोडक्ट चुनने में सहायता करके हमारे रेवेन्यू को बढ़ाने में भी मदद करेगी."

भविष्य की योजनाएं

BharatAgri के को-फाउंडर और सीईओ सिद्धार्थ डायलानी दावा करते हैं कि हर महीने, 5 लाख से अधिक किसान खेती के लिए जमीन की तैयारी से लेकर फसल की कटाई तक व्यक्तिगत कृषि संबंधी जानकारी के साथ कृषि प्रबंधन सलाह के लिए BharatAgri ऐप या वेबसाइट का उपयोग करते हैं.

भविष्य की योजनाओं को लेकर बात करते हुए सिद्धार्थ कहते हैं, "हमारा मुख्य ध्यान अपने प्लेटफॉर्म पर जेनरेटिव AI का लाभ उठाना है. इसके अलावा हम अपना प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बढ़ाने, टूल्स, इक्वीपमेंट्स, गार्डनिंग प्रोडक्ट्स इत्यादि जैसी नई श्रेणियां पेश करके प्लेटफ़ॉर्म पर 10K+ SKU जोड़ने पर काम कर रहे हैं. हम प्लेटफॉर्म पर गुजराती, कन्नड़, तमिल आदि जैसी अधिक भाषाओं को लॉन्च करेंगे. हम अलग-अलग राज्यों में अपने पूर्ति केंद्र खोलेंगे ताकि कम से कम समय में अधिकांश पिन कोड में डिलीवरी संभव हो सके."

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