भारत में कैम्पिंग के अनुभव को फिर से परिभाषित कर रहा है देहरादून का स्टार्टअप हायरएकैम्प
कशिश पाहवा और मितुल अग्रवाल द्वारा दिसंबर 2019 में स्थापित, हायरएकैम्प (HireACamp) एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है जो ट्रैवलर्स को पूरे भारत में लोकल कैंप मालिकों के साथ कैंप की खोज करने और बुक करने की सुविधा देता है।
आउटडोर एंजॉय करने के लिए कैम्प फायर के इर्द गिर्द बैठना और प्रकृति के साथ जुड़ना काफी रैलैक्सिंग होता है। देश में कैंपिंग की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, कैंप की बुकिंग सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रही है। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि यह इंडस्ट्री काफी असंगठित है।
कैंपर्स (ट्रैवलर्स) के पास चुनने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं हैं और कैंप मालिक लिमिटेड मार्केटिंग नॉलेज के चलते अपनी बुकिंग का प्रबंधन वैसे ही कर रहे हैं जैसे कि वे 90 के दशक में करते थे।
ट्रैवलर्स और कैंप मालिकों के बीच इस खाई को पाटने की तलाश में, कशिश पाहवा और मितुल अग्रवाल ने दिसंबर 2019 में हायरएकैम्प (HireACamp) की शुरुआत की। देहरादून स्थित स्टार्टअप यात्रियों को हिल, बीच, फॉरेस्ट, लक्जरी और बजट कैंपिंग सहित अपने प्लेटफॉर्म पर ऑफर की जाने वाली वाइड रेंज को सर्च करने और बुक करने की सुविधा देता है। यह सारी सुविधा इसके सिंगल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
कशिश बताते हैं, “हमने कई कैंप में रहने/अनुभव करने, ट्रैवलर के रूप में समस्याओं को समझने और कैंपिंग करते समय होस्ट के साथ बातचीत करने के बाद हायरएकैम्प का निर्माण किया है। हायरएकैम्प भारत में कैंपिंग का प्रबंधन और अनुभव करने के तरीके को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहा है।"
वर्तमान में यह ऐप केवल Android यूजर्स के लिए उपलब्ध है।
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हिमाचल प्रदेश में HireACamp (फोटो साभार: HireACamp फेसबुक पेज)
ट्रैवलिंग समस्याओं को दूर करना
सह-संस्थापकों के अनुसार, हायरएकैम्प की यात्रा उन समस्याओं को हल करने के प्रयास के साथ शुरू हुई जिनका एक कैंपिंग साइट की खोज और बुकिंग के दौरान अधिकांश यात्री सामना करते हैं।
2018 में, इंजीनियरिंग ड्रॉप आउट कशिश पाहवा, अपने दोस्तों के साथ ऋषिकेश के लिए एक कैंपिंग ट्रिप की योजना बना रहे थे लेकिन कैंप स्टे बुक करने के लिए उन्हें कोई भरोसेमंद वेबसाइट नहीं मिली। इसने उन्हें इस स्पेस में जाने के लिए प्रेरित किया, और आगे के रिसर्च के बाद, वह हायएरैकम्प के आइडिया के साथ आए। बाद में एक कंप्यूटर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट मितुल अग्रवाल उनके साथ जुड़े।
कशिश कहते हैं, “मैंने एक म्यूचुअल फ्रेंड के जरिए मितुल से संपर्क किया। मितुल उस समय एक दूसरे आइडिया पर काम कर रहे थे, लेकिन उन्होंने तुरंत कैंपिंग इंडस्ट्री में क्षमता पर ध्यान दिया और कुछ ही समय में हमसे जुड़ गए।"
स्टार्टअप में अब सात सदस्यों की एक टीम है।
यह कैसे काम करता है?
ट्रैवलर्स और कैंप मालिकों को जोड़ने के लिए, स्टार्टअप ने दो-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है। दरअसल एक तरफ, यह ट्रैवलर्स को उनके पसंदीदा एरिया में कैंप को ढूंढ़ने और बुक करने के लिए आसान पहुंच प्रदान करता है, जबकि दूसरी ओर, यह कैंप मालिकों को उनकी प्रॉपर्टी की सभी डिटेल, तस्वीरें, सुविधाएं और आइटनरी सहित प्लेटफॉर्म पर उनके कैंप को लिस्ट करने में सक्षम बनाता है।
स्टार्टअप ट्रैवलर्स को कई चेंजेस करने की भी अनुमति देता है। यह उन्हें तारीख, बॉयो, प्रोफाइल पिक्चर बदलने के साथ-साथ अपने HireACamp अकाउंट से बुकिंग रद्द करने और ऑटोमैटिक रिफंड प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
कशिश कहते हैं, "ट्रैवलर पोर्टल पर व्यक्तिगत अनुभव, तस्वीरें और कैंप के बारे में अपने विचार (रिव्यू) भी शेयर कर सकते हैं। इससे अन्य ट्रैवलर्स को निर्णय लेने में मदद मिल सकती है और कैंप के मालिकों को उचित ग्राहक अनुभव देने के लिए प्रेरित किया जा सकता है ताकि वे अपनी कैंपसाइट की रेटिंग को ठीक रख सकें।"
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बाजार
बिजनेसवायर के अनुसार, ग्लोबल कैंपिंग और मोटर होम्स मार्केट 2019 में लगभग 49.9 बिलियन डॉलर के मूल्य पर पहुंच गए, इस दौरान इनकी 2015 के बाद से 5.6 प्रतिशत के CAGR से वृद्धि हुई। कोविड-19 के प्रकोप और इसे रोकने के उपायों के कारण पूरे देश में आर्थिक मंदी के कारण 2020 में बाजार में गिरावट देखी गई।
हालांकि, बाजार के 2021 से 8 प्रतिशत के सीएजीआर पर रिकवरी और बढ़ने की उम्मीद है और 2023 में 59.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
कशिश बताते हैं, "COVID-19 से ट्रैवल इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। महाराष्ट्र जैसे राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। लेकिन हम सकारात्मक बने रहे। हम कैंप होस्ट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि उन्हें कैंप, स्वच्छता और मेहमानों की सामाजिक दूरी के बारे में शिक्षित किया जा सके।"
वह कहते हैं, "कैम्पिंग के बारे में एक अच्छी बात यह है कि होटलों के विपरीत, आप एक कमरे तक सीमित नहीं हैं, यह आउटडोर है, जिसका अर्थ है अधिक वेंटिलेशन। हमने मार्च 2021 में अच्छी वृद्धि देखी और ऋषिकेश में लगभग सारे कैंप सोल्ड-आउट हो गए। मुझे यकीन है कि टीकाकरण के बाद लोग बड़ी संख्या में कैंपिंग करेंगे और हम इसके लिए तैयार हैं।"
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HireACamp के फाउंडर्स (L-R): कशिश पाहवा और मितुल अग्रवाल
इस महीने की शुरुआत में, हायरएकैंप ने इंडियन एंजेल नेटवर्क (आईएएन) से एक सीड राउंड में ग्रोथ कैपिटल की अघोषित राशि जुटाने की घोषणा की। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व IAN के एंजेल इन्वेस्टर्स ने किया था, जिनमें हरि बालासुब्रमण्यम, उदय चटर्जी और डॉ. उमा कांत पंवार शामिल थे। स्टार्टअप ने कहा कि फंडिंग का उपयोग ऑपरेशंस को स्केल करने के लिए किया जाएगा और बुकिंग से लेकर रहने तक यात्रियों के समग्र अनुभव को सुधारने के लिए फोकस के साथ जुनूनी लोगों को नियुक्त किया जाएगा।
कशिश YourStory को बताते हैं, "हमारा मानना है कि आउटडोर स्टे खोजना भी उतना ही आसान होना चाहिए जितना की इनडोर स्टे है। HireACamp, कैंपिंग के लिए AirBnB की तरह है। यह भारत का पहला ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से ट्रैवलर देश में कहीं भी अपना स्टे तुरंत बुक कर सकते हैं। हम अपने प्रतियोगियों से बेहतर होने के इरादे के साथ इस इंडस्ट्री पर हावी होने का इरादा रखते हैं और हमें उन मार्की निवेशकों से समर्थन प्राप्त करने की खुशी है जो हमारी यात्रा का हिस्सा बन गए हैं।
प्रतियोगिता और व्यापार मॉडल
कशिश कहते हैं, भारत में इस स्पेस के कई कंपनियां नहीं हैं। इस सेगमेंट में काम करने वाले कुछ स्टार्टअप्स में डियोर कैंप्स, कैंपमोन्क, मूनस्टोन हैमॉक आदि शामिल हैं। विश्व स्तर पर, हिपकैंप, ऑटोकैम्प, टेंट्र्र और कलेक्टिव रिट्रीट जैसी कंपनियां हैं।
कशिश बताते हैं, "हायरएकैम्प एक साधारण राजस्व मॉडल पर काम करता है, जहाँ प्लेटफॉर्म के माध्यम से की गई प्रत्येक बुकिंग पर एक निश्चित कमीशन (होस्ट से) लिया जाता है।"
स्टार्टअप ने पूरे भारत में 140 कैंपग्राउंड के साथ भागीदारी की है। इसका दावा है कि उसने पिछले महीने की तुलना में मार्च में राजस्व के मामले में 500 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। हायरएकैम्प का लक्ष्य भारत में मौजूद हर एक कैंपसाइट को अपने प्लेटफॉर्म पर लाना है। यह स्टार्टअप आने वाले वर्षों में नेपाल, भूटान और श्रीलंका सहित भारत से आगे भी विस्तार करना चाहता है।