डायबिटीज को मैनेज करने के साथ दिल की सेहत का ऐसे रखें ख्याल
यह सच है कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है. डायबिटीज को बेहतर तरीके से मैनेज करने और दिल को स्वस्थ रखने के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टर आपको आपकी स्थिति के अनुसार सबसे अच्छे उपाय बता सकते हैं.
डायबिटीज और दिल की सेहत के बीच एक गहरा नाता है, जिसे अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं. जब हमारे खून में शुगर की मात्रा बढ़ती है, तो इसका असर सिर्फ ग्लूकोज तक ही सीमित नहीं रहता. यह एक ‘रिपल इफेक्ट’ होता है, जो हमारे दिल के कामकाज और पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को खतरे में डाल सकता है.
एक रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को सामान्य लोगों के मुकाबले अपने जीवन में कभी न कभी दिल की बीमारी होने का खतरा दोगुना होता है. जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह रक्त वाहिकाओं और उन नसों को नुकसान पहुंचा सकती है जो दिल के कामकाज को नियंत्रित करती हैं. अच्छी बात यह है कि डायबिटीज को मैनेज करने के लिए आप जो कदम उठाते हैं, वे कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के खतरे को कम करने में भी मददगार हो सकते हैं.
डॉ. रजनीश मल्होत्रा, वाइस चेयरमैन एवं हेड- कार्डियक सर्जरी (सीटीवीएस), रोबोटिक सर्जरी, मैक्स हेल्थकेयर दिल्ली एण्ड एनसीआर हॉस्पिटल्स और मैक्स इंस्टिट्यूट एण्ड हार्ट वैस्कुलर साइंसेस, दिल्ली ने कहा, “भारत में डायबिटीज से पीड़ित कई लोग दिल से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. चिंता की बात यह है कि ये समस्याएं युवाओं में भी देखने को मिल रही हैं. अगर डायबिटीज को सही से मैनेज न किया जाए, तो हाई ब्लड प्रेशर, बैड कोलेस्ट्रॉल और हाई ट्राइग्लिसराइड्स जैसे कारक कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं. यह जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें और ग्लूकोज के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए रोकथाम के उपाय करें. दिल को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा डाइट, नियमित व्यायाम और सीजीएम जैसे उपकरणों से ग्लूकोज की निगरानी जैसे उपाय किए जा सकते हैं.”
एबॅट के डायबिटीज डिविजन में मेडिकल अफेयर्स के डायरेक्टर डॉ. केनेथ ली ने कहा, “डायबिटीज को अच्छे से कंट्रोल करने के लिए, अपने ग्लूकोज लेवल पर लगातार नजर रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए आप कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन उपकरणों से ग्लूकोज लेवल जानने के लिए आपको उंगली में सुई चुभाने की जरूरत नहीं होती है. सीजीएम उपकरण आपको कई उपयोगी जानकारी देते हैं, जैसे कि टाइम इन रेंज (टीआईआर). टीआईआर से पता चलता है कि दिन के किस समय आपके ग्लूकोज लेवल एक निश्चित सीमा में रहते हैं. जब आप इस सीमा में ज्यादा समय बिताते हैं, तो आपको कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा कम होता है. टीआईआर में 10% की बढ़ोतरी से आपकी कैरोटिड आर्टरीज़ के असामान्य रूप से मोटे होने का खतरा 6.4% तक कम हो सकता है. इसलिए, कार्डियोवैस्कुलर बीमारी से बचने के लिए ज्यादा टीआईआर हासिल करना बहुत जरूरी है.”
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सांकेतिक चित्र
हम 5 आसान कदम बता रहे हैं, जिनके साथ डायबिटीज के मरीज अपनी सेहत पर नजर रख सकते हैं:
दिल की सेहत को अच्छा रखने वाला आहार लें: सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स से बचने की कोशिश करें, क्योंकि वे कोलेस्ट्रॉल के लेवल्स बढ़ा सकती हैं. उदाहरण के लिये, सैचुरेटेड फैट्स आमतौर पर मक्खन, रेड मीट और फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स में पाई जाती हैं, जबकि ट्रांस फैट्स अक्सर आंशिक रूप से हाइड्रोजिनेटेड तेलों में होती हैं, जिनका इस्तेमाल फ्राइड एवं प्रोसेस्ड फूड में होता है. यह कोई रहस्य की बात नहीं है कि डाइट को हरी पत्तेदार सब्जियों, साबुत अनाजों और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों से संतुलित रखकर दिल की बीमारी से बचने में मदद मिल सकती है. आप जो खाते हैं, उसमें अनुपात का भी ध्यान रखकर ग्लूकोज लेवल्स को बेहतर तरीके से स्थिर रखा जा सकता है. इस प्रकार दिल की बीमारी का जोखिम कम हो सकता है.
नियमित व्यायाम करें: दिल की बीमारी का जोखिम कम करने के लिये मोटापा और हाइपरटेंशन जैसे कारकों पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है. इनमें हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल्स भी शामिल हैं और व्यायाम इन सभी को नियंत्रित कर सकता है. नियमित शारीरिक गतिविधि भी डायबिटीज को बेहतर मैनेज करने में मदद करती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक स्वस्थ जीवनशैली के लिये बैठक के समय को कम करने और हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट का मध्यम तीव्रता वाला शारीरिक व्यायाम करने की अनुशंसा की जाती है. इनमें तेज चलना (ब्रिस्क वॉक) या साइकल चलाना शामिल हो सकता है.
ब्लड शुगर लेवल्स की नियमित निगरानी रखें: सीजीएम की मदद से रियल-टाइम ट्रैकिंग करने पर आपको ब्लड शुगर के उतार-चढ़ावों पर नजर रखने में मदद मिल सकती है. दिन में कम से कम 17 घंटे ग्लूकोज की सही सीमा (70 – 180 mg/dl) में रहने की कोशिश करना महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, सीजीएम जैसे उपकरण भी कनेक्टेड केयर के लिये डिजिटल इकोसिस्टम देते हैं, ताकि आप अपने डॉक्टर तथा देखभाल करने वालों से जुड़े रह सकें. ऐसा करने से आप डायबिटीज और दिल की सेहत के जोखिम पर असरदार तरीके से काबू पा सकते हैं.
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें: धूम्रपान से आपकी रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान हो सकता है और डायबिटीज के कारण आर्टरीज का सिकुड़ना तेज हो सकता है. इसके अलावा, आपको अल्कोहल का सेवन भी कम करना चाहिये, क्योंकि इससे डायबिटीज की दवाओं का असर बाधित हो सकता है और ब्लड शुगर लेवल्स प्रभावित होते हैं.
तनाव कम करें: जब आप तनाव में होते हैं, तब आपका शरीर ऐसे स्ट्रेस हॉर्मोन्स बनाता है, जो ब्लड शुगर लेवल्स को बढ़ा देते हैं और इंसुलिन के लिये प्रतिरोध पैदा करते हैं. ऐसा लगातार होने पर एक समय आपका ब्लड प्रेशर बढ़ेगा और दिल की बीमारी होने की संभावना भी. तनाव से राहत पाने के लिये मजेदार गतिविधियों में शामिल हो जाएं, जैसे कि संगीत सुनें, योग या डांस करें और प्रियजनों के साथ वक्त बिताएं.
यह सच है कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है. डायबिटीज को बेहतर तरीके से मैनेज करने और दिल को स्वस्थ रखने के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टर आपको आपकी स्थिति के अनुसार सबसे अच्छे उपाय बता सकते हैं.