Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कोरोना एक लड़ाई: वो देश जहाँ उपराष्ट्रपति हैं पाँच और पूरे देश में वेंटिलेटर सिर्फ चार

कोरोना एक लड़ाई: वो देश जहाँ उपराष्ट्रपति हैं पाँच और पूरे देश में वेंटिलेटर सिर्फ चार

Wednesday April 22, 2020 , 2 min Read

स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में अफ्रीकी महाद्वीप की हालात बेहद खराब है, ऐसे में कोरोना वायरस महामारी के दौरान तमाम देशों को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।

सांकेतिक चित्र

सांकेतिक चित्र



कोरोना वायरस के प्रकोप से इस समय दुनिया के लगभग सभी देश जूझ रहे हैं। अमेरिका जैसे देश जहां स्वास्थ्य सेवाएँ अन्य देशों की तुलना में बेहतर हैं वहाँ भी कोरोना के चलते हजारों मौतें हुई हैं, इस बीच कुछ देश तो ऐसे भी हैं जहां की स्वास्थ्य सेवाएँ ही चरमराई हुई हैं।


इन्ही में से एक देश है दक्षिणी सूडान। इस पूरे देश में आपात मेडिकल स्थिति में काम आने वाले वेंटिलेटर की संख्या सिर्फ चार है। गौरतलब है कि इस देश में उपराष्ट्रपतियों की संख्या 5 है। अब इस देश की मौजूदा तैयारी और हालत देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाला समय इस देश के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।


दक्षिणी सूडान की आबादी करीब 1.2 करोड़ के आस-पास है। देश में कुल 24 आईसीयू हैं। इस तरीके से देश में हर पाँच लाख आबादी पर एक आईसीयू और 30 लाख आबादी पर एक वेंटिलेटर है।


इतने बुरे हालात सिर्फ दक्षिणी सूडान के ही नहीं हैं, बल्कि पश्चिमी अफ्रीकी देश लाइबेरिया के बाद 49 लाख आबादी पर सिर्फ 6 वेंटिलेटर हैं, गौरतलब है कि इनमें से एक वेंटिलेटर का इस्तेमाल अमेरिकी दूतावास करता है।


डबल्यूएचओ की रिपोर्ट की मानें तो अफ्रीकी महाद्वीप में 5 हज़ार से भी कम आईसीयू हैं। इस अनुसार हर 10 लाख आबादी के पास 5 आईसीयू ही मौजूद हैं, जबकि यूरोप में हर 10 लाख आबादी पर 4 हज़ार आईसीयू मौजूद हैं।


कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के साथ पूरी दुनिया में वेंटिलेटर की मांग बड़ी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। भारत में भी कई कंपनियों ने अपने स्तर पर वेंटिलेटर का निर्माण शुरू कर दिया है।



Edited by Ranjana Tripathi