यह 'ग्रीन' टैक्सी ड्राइवर यात्रियों को फोन से दूर रखने के लिए पढ़ने को देता है कॉमिक्स
यात्रियों को इस अनोखे तरीके से फोन से दूर रखता है ये टैक्सी ड्राइवर...
आज से पांच साल पहले धनंजय ने अपनी टैक्सी के ऊपर घास लगा दी थी, ताकि लोग पर्यावरण को बचाने के लिए सचेत हो सकें। उन्होंने अब अपनी टैक्सी में बैठने वाले यात्रियों को बच्चों की कॉमिक्स बांटने की पहल शुरू की है।
इन कॉमिक्स को फ्री में पढ़ने के साथ ही अगर किसी को ये पसंद आ जाती हैं तो वह इन्हें धनंजय से काफी कम दाम में खरीद भी सकता है। उन्होंने अभी हाल ही में एक नई टैक्सी लॉन्च की है जिसमें कोलकाता के मशहूर आईकन के चित्र बने हैं और साथ ही में लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश भी दिया गया है।
कोलकाता में अपनी टैक्सी की छत पर घास उगाने वाले पर्यावरण प्रेमी धनंजय चक्रवर्ती का नाम काफी फेमस है। एक टैक्सी चालक भी पर्यावरण के प्रति कितना संजीदा हो सकता है इसकी मिसाल हैं धनंजय। आज से पांच साल पहले धनंजय ने अपनी टैक्सी के ऊपर घास लगा दी थी, ताकि लोग पर्यावरण को बचाने के लिए सचेत हो सकें। उन्होंने अब अपनी टैक्सी में बैठने वाले यात्रियों को बच्चों की कॉमिक्स बांटने की पहल शुरू की है। आज के दौर में बच्चे किताबों से दूर स्मार्टफोन में लगे रहते हैं, उन्हें फिर से किताबों -कॉमिक्स से जोड़ने के लिए धनंजय ने ऐसा कदम उठाया है।
धनंजय फेसबुक पर भी काफी मशहूर हैं। उन्होंने 'बापी ग्रीन टैक्सी' नाम से अपना पेज बनाया हुआ है। अपने इस नए आइडिया के बारे में बात करते हुए वे कहते हैं, 'एक बार मेरी टैक्सी में बैठे एक बच्चे से कॉमिक्स के एक मशहूर कैरेक्टर के बारे में पूछा तो उसने अपने स्मार्टफोन में आंख गड़ाए जवाब दिया कि वो इसके बारे में नहीं जानता है। मुझे हैरत हुई। क्योंकि 90 के दशक में और उसके बाद भी बच्चों में इन कॉमिक्स के प्रति अजब सी दीवानगी थी।' इसके बाद धनंजय ने अपनी टैक्सी में मशहूर बंगाली कॉमिक्स जैसे 'बतूल द ग्रेट', 'हांडा भोंडा' और 'नोंटे फोंटे' रखनी शुरू कर दी।
उन्होंने अपनी कार के डैशबोर्ड को एक बुकशेल्फ के रूप में बदल दिया। इसके साथ ही पीछे वाली सीट की तरफ भी कॉमिक्स रखी होती हैं। वे कहते हैं, 'चाहे आप 5 किलोमीटर का सफर कर रहे हों या 15 किलोमीटर का, मैं हर यात्री को कॉमिक्स पढ़ने के लिए ऑफर करता हूं।' इन कॉमिक्स को फ्री में पढ़ने के साथ ही अगर किसी को ये पसंद आ जाती हैं तो वह इन्हें धनंजय से काफी कम दाम में खरीद भी सकता है। उन्होंने अभी हाल ही में एक नई टैक्सी लॉन्च की है जिसमें कोलकाता के मशहूर आईकन के चित्र बने हैं और साथ ही में लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश भी दिया गया है।
उनकी टैक्सी में बैठने वाली एक यात्री नंदिनी दासगुप्ता ने कहा, 'मैं जब पहली बार इस टैक्सी में बैठी तो हैरान रह गई। मेरे बच्चों को पहली बार कोई बंगाली कॉमिक्स पढ़ने को मिली थी।' धनंजय की टैक्सी में बैठने वाले यात्री उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाते। इस टैक्सी इतनी आरामदायक जो है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में न जाने कितने धनंजय हैं जो अपना काम करते हुए भी समाज को बेहतर बनाने का संदेश देते रहते हैं। हमें भी जरूरत है कि उन्हें जितना हो सके, प्रोत्साहित करें।
अभी हाल ही में प्रतिष्ठित पत्रकार रवीश कुमार ने उनकी टैक्सी पर सफर किया। उन्होंने लिखा, 'इस दुनिया में जहां हर कोई एक जैसा हो जाना चाहता है, धनंजय चक्रवर्ती का फितूर उन्हें काफी अलग बना गया है। चार पांच साल से अपनी इस प्राइवेट अंबेसडर को चला रहे हैं। कोलकाता के नामी गिरामी कार्टूनिस्टों ने इस पर कार्टून बनाए हैं। इसे कार्टूनकार का नाम दिया गया है। कार के ऊपर घास की खेती चल रही है। कार के भीतर पीछे की सीट के ऊपर छोटे छोटे गमले रखे हैं। अंदर का माहौल भी काफी रंगनी है। सफेद रंग की यह अंबेसडर पूरे हिन्दुस्तान में इकलौती कार होगी जो हरियाली को अपने सर पर लिए घूम रही है। धनंजय खुद कार चला रहे थे। बातचीत के बाद अपना कार्ड भी दिया। अंग्रेज़ी में लिखा था बापी ग्रीन टैक्सी। ये वाली प्राइवेट कार है। बाकी एक या दो कारें टैक्सी में चलती हैं जिनकी छत पर घास उगी है। फूल खिले हैं।'
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