हरियाणा के 13 साल के लड़के ने बना डाली सोलर बाइक
एयर पॉल्यूशन का दंश झेल रहे देश में 13 साल के बच्चे ने बनाई सोलर बाईक...
जब मन में लगन और कुछ करने की जिद हो तो कोई भी काम कठिन नहीं है। 13 साल के बच्चे ने सोलर बाइक बनाकर यह साबित कर दिया कि सफलता पाने की कोई उम्र नहीं होती। हुनर है तो आपको दुनिया में कही भी और किसी भी उम्र में सफलता मिल सकती है।
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अवनीत (फोटो साभार: सोशल मीडिया)
दुनिया भर के वैज्ञानिक और खोजकर्ता इसी प्रयास में लगे हुए हैं कि कैसे सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा और सरल इस्तेमाल किया जा सके। कुछ प्रयास सफल भी हो रहे हैं।
हरियाणा के रहने वाला अवनीत ने एक ऐसी बाइक तैयार की है जो पूरी तरह सोलर एनर्जी की मदद से चलती है। अवनीत ने उस वक्त में इस बाइक को बनाया है जबकि एयर पॉल्यूशन का दंश पूरा देश झेल रहा है।
सौर ऊर्जा को ऊर्जा का एक अक्षय भंडार माना जाता है। आज जब सारी दुनिया वायु प्रदूषण के धुंध में जूझ रही है, वक़्त आ गया है कि ईंधन के परंपरागत स्रोतों को त्यागकर बिना धुंआ और बदबू वाली नवीनीकृत प्रणालियों की तरफ आगे बढ़ा जाए। सुनने-पढ़ने में ये सब बड़ी किताबी बातें लगती हैं लेकिन यही सच्चाई है, यही आज की सबसे बड़ी जरूरत है। दुनिया भर के वैज्ञानिक और खोजकर्ता इसी प्रयास में लगे हुए हैं कि कैसे सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा और सरल इस्तेमाल किया जा सके। कुछ प्रयास सफल भी हो रहे हैं।
कहते हैं कि जब मन में लगन और कुछ करने की जिद हो तो कोई भी काम कठिन नहीं है। 13 साल के बच्चे ने सोलर बाइक बनाकर यह साबित कर दिया कि सफलता पाने की कोई उम्र नहीं होती। हुनर है तो आपको दुनिया में कही भी और किसी भी उम्र में सफलता मिल सकती है। जहां एक ओर देश के दिग्गज साइंटिस्ट सोलर एनर्जी से चलने वाली मशीनों को बनाने में जुटे हुए हैं, वहीं हरियाणा के रहने वाला एक अवनीत ने एक ऐसी बाइक तैयार दी है जो पूरी तरह सोलर एनर्जी की मदद से चलती है। अवनीत ने उस वक्त में इस बाइक को बनाया है जबकि एयर पॉल्यूशन का दंश पूरा देश झेल रहा है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में 2000 सीसी इंजन से ज्यादा के वाहनों पर रोक, बीएस-3 वाहनों की बंदी जैसे बड़े कदम भी उठाए हैं।
कैसी है ये सोलर बाइक
सूरज की रोशनी से चलने वाली इस बाइक की रफ्तार 20 किलोमीटर प्रति घंटा है। अवनीत ने जिस बाइक को तैयार किया है उससे धुंआ नहीं निकलता। इसलिए पर्यावरण और प्रदूषण के लिहाज से भी ये बेहतरीन है। छोटे बच्चों की साइकिल पर अवनीत ने एक छोटा सा सोलर पैनल लगाकर इसे दौड़ती हुई बाइक का रूप दे दिया। इस पर एक व्यक्ति के बैठने की व्यवस्था है। हालांकि ये इस अविष्कार का शुरुआती रूप ही है, लेकिन आज के इस महंगाई के दौर में सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहन लोगों के पैसे बचाने में तो कारगार साबित होंगे ही।
छोटा पैकेट, बड़ा धामाका
अवनीत के मुताबिक, 'उसके इस आविष्कार से पर्यावरण को फायदा होगा। सोलर पावर की वजह से गाड़ी धुआं नहीं उगलेगी। लिहाजा, प्रदूषण की वजह से हवा दूषित नहीं होगी।' सोलर पावर के जरिए बनने वाली इस प्रकार की गाड़ियां बैटरी से चलने वाली गाड़ियों के निर्माताओं को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। इसके साथ ही जो लोग बाइक में पेट्रोल डलवाने के लिए काफी पैसा खर्चा करते हैं, अगर उनके पास सोलर पावर से बनी बाइक होगी तो उनकी जेब पर भी बोझ नहीं बढ़ेगा।
आगे का लक्ष्य है और भी बड़ा
अवनीत सोलर पावर से चलने वाली कार बनाने का सपना देखते हैं। अवनीत का मानना है कि इसे बनाने में टाटा नैनो कार से भी कम खर्च आएगा। वहीं दूसरी ओर यह खबर भी आ रही है कि वैज्ञानिकों ने ऐसी साइकल तैयार कर ली है, जिसे सोलर ऊर्जा के जरिये चलाया जाना संभव होगा और यह जल्दी ही बाजार में भी सबके सामने होगी।
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