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स्टार्टअप में अब आए नौकरियों की बहार के दिन

जल्दी ही स्टार्टअप्स में खुलने वाले हैं नौकरी को द्वार...

स्टार्टअप में अब आए नौकरियों की बहार के दिन

Wednesday March 28, 2018 , 7 min Read

स्टार्टअप ग्रीनसोल, वर्चुअल स्कूल की कामयाबियों की अपनी अलग दास्तान है लेकिन बिगबास्केट, नेटमेड्स जैसी तमामस्टार्ट अप कंपनियों में नौकरियों की बहार के दिन आने वाले हैं। चीन की एक कंपनी ज़िओमी तो भारतीय स्टार्टअप में सात हजार करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कानपुर आइटी ने स्टार्टअप की एक बड़ी संभावना जगाते हुए राज्य की स्टार्टअप पॉलिसी तैयार कर ली है। बिहार और मध्य प्रदेश सरकार भी व्यापक स्तर पर स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने जा रही हैं। 

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2018-19 में स्टार्टअप्स करीब 18 हजार लोगों की भर्ती करने की तैयारी में हैं। इनमें बिगबास्केट सबसे ज्यादा नौकरियां देने जा रहा है। उसमें 10 हजार भर्तियां होने वाली हैं। इसी तरह रिविगो इसी साल ढाई हजार नौकरियां दे रही है। ऑनलाइन फार्मेसी नेटमेड्स अपने कर्मचारियों की संख्या साढ़े पांच सौ से बढ़ाकर ग्यारह सौ करने जा रही है।

हाल की ताजा सूचनाओं पर नजर डालें तो फोर्ब्स की '30 अंडर 30 एशिया' की लिस्ट में बॉलीवुड ऐक्ट्रेस अनुष्का शर्मा और बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधू समेत स्टार्टअप से भी शिखर पर पहुंचने वाले 65 भारतीयों के नाम शामिल हैं। मसलन, लिस्ट में गरीब बच्चों तक एक लाख जूतें पहुंचाने वाले स्टार्टअप ग्रीनसोल के रमेश धामी और श्रियांस भंडारी का नाम भी शामिल हैं। ऐसे ही इसमें स्टार्टअप बॉबल कीबोर्ड के फाउंडर अंतिक प्रसाद का भी नाम है। उनके ऐप की खासियत है कि सेल्फी के बाद कार्टून बनाकर मनचाहे मैसेज के साथ इमोजी बनाया जा सकता है। आंध्र प्रदेश के युवा राहुल गायम इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा और बाइक के स्टार्टअप के बूते इस लिस्ट में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा भी हमारे देश में तरह तरह के स्टार्टअप महारत हासिल कर रहे हैं लेकिन अब हम बात करते हैं कुछ खास सेक्टरों में सफल स्टार्टअप और उनमें पैदा हो रही लाखों नौकरियों की। देशी की 135 करोड़ की आबादी में लगभग 25 करोड़ छात्र हैं। आज, जबकि एजुकेशन सेक्टर पर अरबों रुपए खर्च करने के बावजूद छात्रों का स्कूल तक न पहुंचना एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है, स्मार्ट फोन के माध्यम से उन तक शैक्षिक पहुंच का एक सफल माध्यम बन चुका है वर्चुअल स्कूल। विकास ककवानी को इस पर एक अलग आइडिया सूझा कि ऐसे में क्यों न स्कूल सीधे उन बच्चों तक पहुंच बनाएं। विकास टेलीकॉम इंडस्ट्री में काम करते हैं। उनके वर्चुअल स्कूल के इस आइडिया ने 'एनीटाइम एनीव्हेल स्कूल विद्यालय ऐप' का जन्म दिया है। उनके ट्रैक पर चल निकले 'आस' विद्यालय के स्कूल में बच्चों की हाजिरी, क्लास टीचर, टाइम टेबल, सब्जेक्ट पीरियड से लेकर रेगुलर असेसमेंट तक की व्यवस्था है। बच्चे अपनी मर्जी के मुताबिक इसे कभी भी, कहीं से भी अटेंड कर सकते हैं। इस स्कूल में कंटेंट क्रिएशन और क्वालिटी कंट्रोल का काम भी टेक्नोलॉजी के सहयोग से हो रहा है। दिक्कत है तो बस एक कि इस ऑनलाइन स्कूल को अभी सरकार ने मान्यता नहीं दी है।

दूसरा चैलेंज है, 16 करोड़ बच्चों तक इस वर्चुअल स्कूल को पहुंचाने के लिए कम से कम 50 करोड़ रुपये की जरुरत। स्टार्टअप में इस तरह की चुनौतियां तो रहती हैं लेकिन घबराइए नहीं, ऐसे हजारों की संख्या में तरह-तरह के स्टार्टअप कंपनियां बड़ी संख्या में नौकरियां देने जा रही हैं। फिलहाल 18 हजार नौकरियां देने की योजना सामने आई है। इच्छुक युवा स्टार्टअप्स की नौकरियों में भी अपना भविष्य संवार सकते हैं। इन दिनों स्टार्टअप्स में टेक्निकल हैंड और मैनेजर के अलावा फ्रेशर्स की भी भारी डिमांड हैं। फूड, डिजिटल पेमेंट, लॉजिस्टिक्स, फाइनेंशियल सर्विसेस, हेल्थकेयर सहित कई और सेक्टर के करीब दर्जन भर स्टार्टअप ऐसे वेतनभोगियों को तलाश रहे हैं। एचआर सॉल्यूशंस कंपनी प्युपिलस्ट्रॉन्ग के मुताबिक स्टार्टअप इंडस्ट्री में करीब 15 से 20 फीसदी तक नौकरियां बढ़ने की उम्मीद है।

2018-19 में स्टार्टअप्स करीब 18 हजार लोगों की भर्ती करने की तैयारी में हैं। इनमें बिगबास्केट सबसे ज्यादा नौकरियां देने जा रहा है। उसमें 10 हजार भर्तियां होने वाली हैं। इसी तरह रिविगो इसी साल ढाई हजार नौकरियां दे रही है। ऑनलाइन फार्मेसी नेटमेड्स अपने कर्मचारियों की संख्या साढ़े पांच सौ से बढ़ाकर ग्यारह सौ करने जा रही है।

यह भी सुखद सूचना है कि चीन की एक कंपनी ज़िओमी भारतीय स्टार्टअप में सात हजार करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है। ज़िओमी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं उपाध्यक्ष मनु कुमार जैन वह हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत में अगले पांच साल के दौरान करीब सौ स्टार्टअप में छह से सात हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। पिछले साल तक 10 स्टार्टअप में कंपनी का निवेश तीन हजार करोड़ रुपये रहा है। इस बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) ने उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप की संभानाओं का एक नया द्वार खोल दिया है। उसने प्रदेश के विकास का स्टार्टअप फार्मूला खोज निकाला है। संस्थान के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने राज्य की स्टार्टअप पॉलिसी तैयार कर ली है। इसे 31 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा। पॉलिसी में गांवों और शहरों की हर छोटी और बड़ी समस्याओं को चिह्नित कर उनके समाधान के सहारे ही उद्यमिता और रोजगार की संभावनाओं पर जोर दिया गया है। 'एक जिला एक वस्तु' का फार्मूला सुझाया गया है। इसका मुख्य मकसद छात्रों में नौकरी की तलाश में भागने के बजाय स्टार्टअप की भावना का प्रचार प्रसार है। 

इसमें प्रत्येक शोधकर्ता और बेहतर आइडिया वाले छात्र को वजीफा देने का प्रावधान है। आइआइटी के विशेषज्ञों की टीम ने दो माह में कानपुर, वाराणसी, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, झांसी, इलाहाबाद, गोरखपुर समेत कई जनपदों का दौरा किया। वहां की विशेषता, खानपान, रहन सहन, फसल व सब्जी उत्पादन, जनसंख्या घनत्व, शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की। शिक्षा, स्वास्थ्य, फसलों की पैदावार, प्रदूषण, रोजगार के साधन और क्षेत्रीय समस्याएं लगभग समान मिलीं। स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी दिक्कत फंडिंग को लेकर आई। जिलों के लिए भी सबसे पहले लोगों की दिक्कतें और समस्याएं दूर करना होता है। ऐसे में स्टार्टअप के प्रति उदासीनता स्वाभाविक है। इसको देखते हुए समस्याओं के सहारे ही स्टार्टअप पॉलिसी का रास्ता सुझाया गया। हर जनपद की प्रसिद्ध वस्तुओं पर भी पॉलिसी केंद्रित रहेगी।

बिहार सरकार स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को जगह और कई सुविधाएं मुहैया कराने जा रही है। वह बिहार में आईटी और स्टार्टअप के विकास के लिए गंभीर है। पटना का स्टार्टअप केंद्र युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने जा रहा है। इस केंद्र में 31 स्टार्टअप को काम करने की जगह उपलब्ध कराई जा रही है। इस स्टार्टअप हब को राज्य सरकार समान सुविधा केंद्र के तौर पर विकसित करने जा रही है, जिसमें स्टार्टअप के इच्छुक युवाओं की मदद की जाएगी। सरकार की कोशिश ज्यादा से ज्यादा युवाओं को आईटी से जोड़ने की है। उधर, मध्य प्रदेश सरकार इजराइल की मदद से राज्य में स्टार्टअप का बड़ा आधार तैयार कर रही है। 

पिछले दिनो इजराइल के काउंसल जनरल याकोव फिन्केलस्टीन की एक पत्रकार वार्ता से पता चला है कि प्रदेश सरकार और इजराइल सरकार मिल कर स्टार्टअप में आपसी सहयोग बढ़ाने जा रहे हैं। इस बीच करीब 10 सेक्टरों आईटी, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, एफएमसीजी, हेल्थकेयर, ऑटोमोबाइल, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन आदि की 140 कंपनियों और 350 रिक्रूटर्स के बीच सर्वे के बाद एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में इस साल ढेरों नौकरियां आ रही हैं। साथ ही कर्मचारियों की सैलरी में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हो रही है। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि साठ फीसदी कंपनियां में बड़ी संख्या में नौकरियां क्रिएट कर रही हैं।

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