The Magic of Thinking Big: सोच बड़ी हो तो जिंदगी में बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं
डेविड स्वार्ट्ज की ये किताब दी मैजिक ऑफ थिकिंग बिग बताती है कि कैसे सिर्फ अपने सोचने के तरीके में बदलाव एक सफल जिंदगी बड़ी आसानी से हासिल कर सकते हैं.
बचपन से लेकर आज भी कहीं न कहीं ये जरूर सुनने को मिल जाता है कि बड़ा सोचो. थिंक बिग. बड़ा सोचकर हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं. लेकिन ये कोई नहीं बताता कि आखिर बड़ा सोचना करने के लिए अपने दिमाग को तैयार कैसे करना है? कौन सी किताब इसमें काम आ सकती है? बस इसी उलझन को दूर करती है किताब ‘दी मैजिक ऑफ थिंकिंग बिक’.
इस किताब को लिखने वाले डेविड स्वार्ट्ज एक बेस्ट सेलिंग ऑथर होने के साथ जॉर्डिया स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी हैं. डेविड हमेशा से ही चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस थियरी को समझें और अपनी जिंदगी में जितना हो सके उतना सफल इंसान बनें.
डेविड मानते हैं कि हमारा दिमाग हमारी जिंदगी के रास्ते तय करता है. एक छोटी सी लाइन लेकिन इसके मायने बहुत गहरे हैं, जिसे समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है़. लेकिन डेविड की ये किताब इस उलझन को सुलझाते हुए बहुत आसान तरीके बताती है. जैसे कि हमारी हर छोटी से छोटी चॉइस आगे जाकर हमारी आगे की जिंदगी कैसी होने वाली है इसका रास्ता तय करती है.
डेविड को ये बात बहुत पहले मालूम पड़ गई थी कि जिंदगी में बड़ा सोचना कितना जरूरी होता है और वो ये बात हर इंसान को बताना या समझाना चाहते थे. किताब में ऐसे कई चैप्टर जिनकी लाइनें भर आपकी जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती हैं. इस किताब में 300 पन्ने हैं.
बाकी अन्य किताबों की तरह ये किताब भी कहती है कि दिमाग एक पावरफुल मशीन की तरह है, जो ये तय करता है कि अगले ही पल हम क्या करने वाले हैं. इसलिए अगर एक सक्सेसफुल लाइफ चाहिए तो हमें उसी हिसाब से अपनी सोच को भी बदलना होगा. इसलिए कहा जाता है कि पॉजिटिव सोचो, पॉजिटिव सोचो.
पॉजिटिव थिंकिंग रखने वाले इंसान की जिंदगी निश्चित तौर पर निगेटिव थिंकिंग वाले इंसान से ज्यादा अच्छी होगी. अगर आप अपने गोल को हासिल करना चाहते हैं, तो आपको अपनी सोच, अपना रवैया, अपना लाइफस्टाइल बिल्कुल उसी हिसाब से बदलना होगा.
मैं जीत सकता हूं
सफलता हमेशा ही माइंडसेट के साथ शुरू होती है. जैसे ही आप सोचते हैं मैं ये कर सकता हूं आप अपने सफल होने की तरफ पहला कदम बढ़ा रहे होते हैं. हर वो चीज जो आप पाना चाहते हैं आप उसे आशावादी बनकर हासिल कर सकते हैं. जरूरी नहीं कि हमें असल में जितने की चाह हो बस उतने का ही सपना देखें.
अपनी जरूरत से थोड़े अधिक का सपना देखना चाहिए और ये मानें कि आप उसे हासिल करने लायक हैं. आपके अंदर वो क्षमता है. बस फिर यहां से आप अपनी सफल जिंदगी से ज्यादा दूर नहीं होंगे.
हमेशा खुद पर भरोसा रखें
कभी खुद को कम नहीं आंकना चाहिए. हमेशा ये सोचें कि मैं और डिजर्व करता हूं. कभी भी अपने मन में ये खयाल नहीं आने दें कि मैं तो सेकंड बेस्ट हूं. अगर आप ही अपने आप को दूसरी रैंकिंग दे देंगे तो आपका एटिट्यूड भी उसी हिसाब से बदल जाएगा. आपके एफर्ट्स भी उसी हिसाब से लगेंगे.
हमेशा खुद को टॉप पर रखें और ये मानें कि आप वो पोजिशन हासिल कर सकते हैं. ऐसे फैसलें ले जो ये बताएं कि आप खुद को कितनी इंपॉर्टेंस देते हैं. कभी भी सेकंड बेस्ट से संतुष्ट न हों.
ऐक्शन भी उतना ही जरूरी
सोच तो ठीक है मगर सिर्फ सोचने भर से कोई मुकाम नहीं हासिल हो जाता है. इसलिए अपनी सोच को पॉजिटिव और स्ट्रॉन्ग रखने के साथ उस गोल को हासिल करने का एक प्लान भी होना चाहिए. आपसे पहले जिसने वो गोल हासिल किया है उनके अनुभवों को पढ़ें. उनकी लाइफ जर्नी को पढ़ें और उनसे सीख लेते हुए अपना गोल प्लान तैयार करें.
खुद से सवाल करें कि आखिर उन लोगों ने कैसे ये गोल हासिल किया और मुझे ये गोल हासिल करने के लिए क्या करने की जरूरत है. कुल मिलाकर कहें तो आपको अपने लिए एक पर्सनल ट्रेनिंग प्रोग्राम हासिल करना होगा. आपका एक मात्र उद्देश्य आपकी ग्रोथ और आपका सेल्फ डिवेलपमेंट होना चाहिए. इसके लिए आप मेंटरशिप, ट्रेनिंग या किसी सफल व्यक्ति से मंत्र भी ले सकते हैं.
ये तो कुछ गिने चुने फायदे हैं जो डेविड ने शुरू के तीन चैप्टर्स में बताए हैं. आगे के चैप्टर्स में आपको ऐसे कई और मंत्र मिल जाएंगे जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं. तो अगर आप भी अपने ही दिमाग के पावर का इस्तेमाल करके अपनी जिंदगी को सुधारना चाहते हैं इस किताब को जरूर पढ़ें.
Edited by Upasana