Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

भारत में महिलाओं के लिए बेंगलुरु है पहली पसंद: Avatar रिपोर्ट

Avtar Group की Top Cities of Women in India रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और पुणे भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष 5 शहर हैं. वहीं, दक्षिण सबसे अधिक लिंग-समावेशी क्षेत्र के रूप में उभरा है.

भारत में महिलाओं के लिए बेंगलुरु है पहली पसंद: Avatar रिपोर्ट

Thursday January 09, 2025 , 4 min Read

वर्कप्लेस कल्चर कंसल्टिंग फर्म Avtar Group द्वारा जारी ‘Top Cities of Women in India’ (TWCI) रिपोर्ट के तीसरे संस्करण के अनुसार, बेंगलुरु ने महिलाओं के लिए भारत के शीर्ष शहर के रूप में चेन्नई को पीछे छोड़ दिया है. पिछले साल यह शहर दूसरे स्थान पर था.

2024 में महिलाओं के लिए शीर्ष 10 शहर हैं: बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता, अहमदाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम और कोयंबटूर.

भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहरों की 2024 रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों में शामिल हैं:

  • तमिलनाडु के शहर शीर्ष 25 में हावी हैं, जिसमें राज्य के आठ शहर शामिल हैं- चेन्नई, कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, वेल्लोर, मदुरै, सलेम, इरोड और तिरुपुर.

  • जबकि बेंगलुरु का औद्योगिक समावेशन स्कोर सबसे अधिक है, यह सामाजिक समावेशन स्कोर में तीसरे स्थान पर रहा.

  • मुंबई ने लगातार प्रगति दिखाई है, जो 2023 में चौथे स्थान से 2024 में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.

  • गुरुग्राम ने एक महत्वपूर्ण छलांग लगाई है (पिछले साल 20वें स्थान से इस साल 9वें स्थान पर). इसका श्रेय इस क्षेत्र में तेजी से हो रहे औद्योगीकरण को दिया जा सकता है, जिसके कारण यह रोजगार का केंद्र भी बन गया है, जिससे महिलाओं के लिए अधिक अवसर पैदा हो रहे हैं.

  • तिरुचिरापल्ली, वेल्लोर, शिमला, गुरुग्राम, तिरुपुर और पुडुचेरी सहित कई छोटे शहर शीर्ष 25 में शामिल हैं.

  • दक्षिण सबसे समावेशी क्षेत्र के रूप में उभरा है, जिसने सामाजिक और औद्योगिक समावेशन दोनों में तुलनात्मक रूप से उच्च स्कोर किया है. इसके ठीक बाद पश्चिम का स्थान है. सीमित औद्योगिक विकास और अवसरों के कारण मध्य और पूर्वी क्षेत्र पिछड़ गए हैं.

  • जबकि दिल्ली और गुरुग्राम जैसे उत्तरी शहरों के औद्योगिक समावेशन स्कोर उच्च हैं, उनके सामाजिक समावेशन स्कोर में सुधार की गुंजाइश है.

  • केरल 20.89 के उच्चतम औसत शहर समावेशन स्कोर के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद तेलंगाना 20.57, महाराष्ट्र 19.93, तमिलनाडु 19.38 और कर्नाटक 17.50 पर रहा.

महिलाओं द्वारा शहरों की रेटिंग

  • कौशल और रोजगार: गुरुग्राम को महिलाओं द्वारा सबसे अधिक रेटिंग दी गई है. बड़े शहरों में, मुंबई और बेंगलुरु ने कौशल और रोजगार में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए, जबकि चेन्नई, हैदराबाद और तिरुवनंतपुरम थोड़ा पीछे रहे.

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर: हैदराबाद ने इन्फ्रास्ट्रक्चर (अच्छी तरह से जुड़ा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और अन्य यात्रा सुविधाएं) के लिए उच्चतम स्कोर हासिल किया. इसके ठीक बाद मुंबई का स्थान है. छोटे शहरों में, कोयंबटूर और कोच्चि ने इन्फ्रास्ट्रक्चर में उच्च स्कोर किया.

  • सरकारी निकायों की दक्षता: तिरुवनंतपुरम और पुणे शासन दक्षता में शीर्ष पर हैं.

  • जीवन की गुणवत्ता: इस रिपोर्ट में कोयंबटूर, पुणे और चेन्नई शहर जीवन की सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले साबित हुए. गुरुग्राम ने अपेक्षाकृत कम (6.34) स्कोर किया, जिसे पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.

  • सुरक्षा: तिरुवनंतपुरम, मुंबई और हैदराबाद सुरक्षा के मामले में सबसे आगे हैं, जबकि महिलाओं ने सुरक्षा के मामले में बेंगलुरु (6.17), कोच्चि (6.02) और गुरुग्राम (5.60) को तुलनात्मक रूप से कम आंका है.

प्रेस रिलीज के अनुसार, देश में उनके आर्थिक योगदान के आधार पर, अध्ययन के लिए भारत भर के 120 शहरों पर विचार किया गया. शहरों को प्रत्येक शहर को दिए गए समग्र ‘City Inclusion Score’ के आधार पर रैंक किया गया है, जिसका अनुमान अवतार की रिसर्च और मौजूदा सरकारी डेटा से लगाया गया है. यह स्कोर तीन स्तंभों- सामाजिक समावेशन स्कोर, औद्योगिक समावेशन स्कोर और नागरिक अनुभव स्कोर से प्राप्त होता है.

TCWI सूचकांक रोल मॉडल शहरों और सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान करता है और संगठनों, नीति निर्माताओं और व्यक्तियों को हमारे शहरों में समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है, जो देश भर में महिलाओं की प्रगति का एक महत्वपूर्ण चालक है.

इस सूचकांक को भारतीय अर्थव्यवस्था की निगरानी केंद्र (CMIE), वर्ल्ड बैंक, अपराध रिकॉर्ड और आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण सहित विभिन्न डेटा स्रोतों को आत्मसात करके संकलित किया गया है, साथ ही अवतार के प्राथमिक शोध को भी इसमें शामिल किया गया है. अवतार के शोध में एफजीडी और एक राष्ट्रव्यापी सर्वे शामिल था जो फरवरी 2024 से नवंबर 2024 तक आयोजित किया गया था जिसमें 60 शहरों की 1,672 महिलाओं ने भाग लिया था.

रिपोर्ट के निष्कर्षों के विमोचन समारोह में बोलते हुए, Avtar Group की फाउंडर-प्रेसीडेंट डॉ. सौंदर्या राजेश ने कहा, “2047 तक विकसित भारत के हमारे सपने को साकार करने के लिए, हमें भारतीय महिला पेशेवरों को पुरुषों के बराबर सफलता की आवश्यकता है. यह तभी संभव है जब शहर वास्तव में लिंग-समावेशी हों और ऐसा माहौल प्रदान करें जहाँ महिलाओं की ताकत का अधिकतम उपयोग किया जा सके. इसका मतलब न केवल महिलाओं को सुरक्षित सड़कें, सुलभ स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा और किफायती जीवन प्रदान करना है, जो काफी हद तक सुधारात्मक उपाय हैं, बल्कि महिलाओं की आर्थिक सफलता के लिए प्रतिस्पर्धी रास्ते और उन्हें बिजनेस लीडर के रूप में आगे बढ़ने के अवसर भी प्रदान करना है.”

(Translated by: रविकांत पारीक)

यह भी पढ़ें
सागर आजाद ने 26 साल की उम्र में नौकरी छोड़ शुरु किया Champ Readers; उभरते लेखकों का सारथी