IIT पास आउट आधार कार्ड हैकर अभिनव श्रीवास्तव से पुलिस हुई प्रभावित, दे डाला जॉब का अॉफर
अभिनव को आधार कार्ड हैकिंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
अभी कुछ दिन पहले ही में बेंगलुरु पुलिस ने ओला कंपनी के एक एंप्लॉयी को आधार कार्ड का डेटा हैक करने के आरोप में गिरफ्तार किया। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि हैकर अभिनव श्रीवास्तव से बेंगलुरु पुलिस इतनी प्रभावित हुई कि उसे अपने विभाग में नौकरी देने के बारे में सोच रही है। अभिनव IIT खड़गपुर का पढ़ा हुआ है...
आईआईटी खड़गपुर पास आउट अभिनव श्रीवास्तव के आधार कार्ड हैकिंग हुनर को देखकर पुलिस अफसर रह गये दंग।
साइबर क्राइम की टीम ने बेंग्लुरु ने आधार कार्ड डेटा चोरी करने के मामले में अभिनव को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान आरोपी अभिनव श्रीवास्तव ने इस बात को स्वीकारा है, कि वो ही इस डेटा की चोरी करने का प्रमुख आरोपी हैं।
हाल ही में बेंगलुरु पुलिस ने मोबाइल टैक्सी सर्विस प्रदाता कंपनी ओला के एक एंप्लॉयी को आधार कार्ड का डेटा हैक करने के आरोप में गिरफ्तार किया। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि हैकर अभिनव श्रीवास्तव से बेंगलुरु पुलिस इतनी प्रभावित हुई कि उसे अपने विभाग में नौकरी देने के बारे में सोच रही है। साइबर क्राइम की टीम ने बेंग्लुरु ने आधार कार्ड डेटा चोरी करने के मामले में अभिनव को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान आरोपी अभिनव श्रीवास्तव (31) ने कहा है कि वो इस डेटा चोरी करने का प्रमुख आरोपी हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि उसने डेटा चोरी किसी आपराधिक इरादों के लिए नहीं किया, बल्कि इसके पीछे उसका मकसद अधिक पैसा कमाना था।
26 जुलाई को आधार कार्ड योजना का संचालन करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड धारकों के डेटा चोरी करने के आरोप के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार मंगलवार को यशवंतपुर में गोल्डन ग्रांड अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के निवासी और कर्थ टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड के कोफ़ाउंडर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के द्वारा मिली सूचना के अनुसार अभिनव आधार कार्ड डेटा एक ई-हॉस्पिटल एप्लिकेशन के द्वारा चुराता था।
पूछताछ के दौरान पुलिस को लगा कि अभिनव का हैकिंग के मामले में काफी तेज दिमाग चल रहा है। कस्टडी में उसे पुलिस ने 6 घंटे तक हैकिंग डेमो देने को कहा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभिनव की कुशलता देखकर सभी अधिकारी और पुलिसकर्मी दंग रह गए। पुलिस उसे अब साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के तौर पर नौकरी देने के बारे में सोच रही है। अभिनव ने भी पुलिस के साथ काम करने के लिए इच्छा जाहिर की है। लेकिन पुलिस विभाग उसे पहले जितनी सैलरी देने में अक्षम है।
अभिनव आईआईटी खड़गपुर से इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री से पास आउट है। बताया जा रहा है कि अभिनव ने 2012 में क्वार्थ टेक्नॉलजी नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया था जिसे बाद में ओला ने अधिग्रहण कर लिया और उसे नौकरी पर रख लिया।
इस वक्त अभिनव की सालाना कमाई 42 लाख रुपए है। साइबर क्राइम एक्सपर्ट के तौर पर पुलिस अगर उसे नौकरी पर रखती है तो अधिकतम 20 लाख रुपये सालाना ही दे सकती है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभिनव को पार्ट टाइम पुलिस के लिए काम करने के लिए रखा जा सकता है।