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ओडिशा की मेघना साहू बनी ओला कैब्स की पहली ट्रांसजेंडर ड्राइवर

ओला कैब्स की पहली ट्रांसजेंडर ड्राइवर मेघना साहू...

ओडिशा की मेघना साहू बनी ओला कैब्स की पहली ट्रांसजेंडर ड्राइवर

Wednesday April 25, 2018 , 4 min Read

भुवनेश्वर की 28 वर्षीय मेघना साहू एचआर एंड मार्केटिंग से एमबीए हैं। चाहे बात शिक्षा की हो या नौकरी की मेघना का जीवन शुरुआत से ही लिंग मुद्दों और भेदभाव से भरा रहा है। एक ट्रांसजेंडर को आज भी हमारे समाज में बराबर खड़ा होने की स्वीकृति नहीं मिली है। एक समानता का व्यवहार न होने के कारण ही मेघना बहुत सी नौकरियाँ बदल चुकी हैं।

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मेघना सिर्फ ट्रांसजेंडर्स के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। वो लोगों के दिमाग में बनी ट्रांसजेंडर्स की गलत छवि को मिटाना चाहती हैं। इसके पहले भी मेघना ने पिछले साल एक पुरुष के साथ विवाह कर के लोगों के मन में बसी रुढ़िवादी विचारधारा पर सोचने को मजबूर कर दिया था।

भारत सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर्स को थर्ड जेंडर कि मान्यता मिलने के बाद भी लोगों की सोच में बदलाव नहीं आया है। वे अभी भी इन्हें समाज से अलग मानते हैं। ट्रांसजेंडर यानी कि किन्नर जिनका नाम सुनते ही अक्सर सबसे पहले सार्वजनिक स्थानों पर, बसों-ट्रेनों में लोगों से पैसा मांगने वाले ट्रांसजेंडर्स की छवि ही सामने आती है। लोगों की इसी सोच को बदलने के लिए ओडिशा की ट्रांसजेंडर मेघना साहू बन गयी ओला कैब्स की पहली ट्रांसजेंडर ड्राईवर

ओडिशा के भुवनेश्वर की 28 वर्षीय मेघना साहू एचआर एंड मार्केटिंग से एमबीए है। मेघना साहू का जीवन शुरुआत से ही लिंग मुद्दों और भेदभाव से भरा रहा है चाहे बात शिक्षा की हो या नौकरी की। एक ट्रांसजेंडर को समाज में बराबर खड़ा होने की स्वीकृति नहीं मिल सकती। एक समानता का व्यवहार न होने के कारण ही मेघना बहुत सी नौकरियाँ बदल चुकी हैं। नौकरियों में भेदभाव और अस्वीकृति का सामना करने के बाद, मेघना साहू ने ओला कैब्स में शामिल हो गयी और इसके साथ ही वो ओला की पहला ट्रांसजेंडर ड्राइवर बन गयी हैं।

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मेघना सिर्फ ट्रांसजेंडर्स के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। वो लोगों के दिमाग में बनी ट्रांसजेंडर्स की गलत छवि को मिटाना चाहती हैं। इसके पहले भी मेघना ने पिछले साल एक पुरुष के साथ विवाह कर के लोगों के मन में बसी रुढ़िवादी विचारधारा पर सोचने को मजबूर कर दिया था।

डेक्कन क्रॉनिकल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ओला कैब में ड्राईवर के रूप में प्रतिदिन 8 घंटे काम कर के मेघना 30 हज़ार रूपये आसानी से कमा लेती हैं। ओला में शामिल होने से पहले, मेघना एक फार्मा कंपनी में काम करती थीं। वहां पर भी उनके साथी सहयोगियों ने उनके साथ उनके लिंग के खिलाफ भेदभाव करना शुरू कर दिया था। मेघना कहती हैं, "मैंने अपने साथियों के समान अवसर और सम्मानजनक जीविका पाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। ओला के साथ जुड़ कर मुझे बहुत अधिक खुलापन और आज़ादी मिली है। इसके अलावा, मैं लोगों को ट्रांसजेंडर के प्रति रखने वाले भावों को बदलने की भूमिका निभाने में सक्षम हूं।"

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ऐसे देश में जहां ट्रांसजेंडर्स को कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस मिलना बहुत चुनौतीपूर्ण है, वहीं ओडिशा में स्थानीय आरटीओ और परिवहन विभाग ने मेघाना के मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक कैबी के रूप में अपने अनुभव के बारे में बोलते हुए, वह कहती हैं, "अब तक मेरे सभी ग्राहक मेरे लिए अच्छे रहे हैं। विशेष रूप से महिला यात्री मेरी कैब में सुरक्षित महसूस करती हैं। इसके अलावा पुरुष ग्राहकों के साथ भी कोई कठिनाई नहीं होती है।"

मेघना एक स्विफ्ट डिज़ायर कार की मालकिन हैं । उन्होंने एक संभावित नौकरी के लिए, पिछले साल कैब एग्रीगेटर से संपर्क किया। इसके अलावा मेघाना का विवाह एक ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता से हुआ है और उनके पास एक छह वर्षीय बेटा भी है। वह कभी-कभी ओडिआ प्रकाशन के लिए भी रिपोर्ट करती हैं।

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