पानी बचाने का अनोखा तरीका: यहां रेस्तरां में दिया जाता है सिर्फ आधा गिलास पानी
यदि आपको किसी भी रेस्तरां में पानी का आधा भरा गिलास दिया जाए, तो चौंकिएगा नहीं, क्योंकि यह पुणे रेस्तरां और होटलियर्स एसोसिएशन (PRAHA) द्वारा वेस्टेज पानी बचाने के लिए उठाई गई एक शानदार पहल है।
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सांकेतिक तस्वीर
महाराष्ट्र के पश्चिमी भाग, पुणे और कई क्षेत्रों में हर साल पानी की तेजी से कमी का सामना करना पड़ता है। इस साल की शुरुआत में आई एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
अब तक, 800 सदस्य होटलों के अलावा शहर में 3,500 अन्य होटल इस पहल के तहत कवर किए गए हैं; इनमें से एक रेस्तरां का दावा है कि इस पहले के जरिए उसकी रोज की खपत 1,600 लीटर पानी का 50 प्रतिशत बच रहा है। मामला पुणे का है। यहां यदि आपको किसी भी रेस्तरां में पानी का आधा भरा गिलास दिया जाए, तो चौंकिएगा नहीं, क्योंकि यह पुणे रेस्तरां और होटलियर्स एसोसिएशन (PRAHA) द्वारा वेस्टेज पानी बचाने के लिए उठाई गई एक शानदार पहल है। इस साल की शुरुआत में शहर में पानी की कमी के चलते यह पहल शुरू की गई है, और सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही पुणे नगर निगम ने भी नागरिकों के लिए सप्लाई में 10 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है।
'आधा भरा ग्लास' (Half-Filled Glass) पहल के अलावा, PRAHA पानी की कमी और पानी बचाने के उपायों पर जागरूकता फैलाने के लिए कई होटलों और रेस्तरां में ग्राहकों और होटलों को थीम कार्ड सौंपेगा। अब तक, 400 रेस्तरां ने पानी की बर्बादी को कम करने के लिए वर्तमान उपाय अपनाया है। ये कार्ड अभी तक 800 से अधिक सदस्य होटलों और 3,500 उन होटलों में वितरित किए गए हैं जो एसोसिएशन के सदस्य नहीं हैं बल्कि शहर में स्थित हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक बांटे गए कार्ड टेबल पर रखे जाने की उम्मीद है, जिसके माध्यम से ग्राहक कम से कम पानी बर्बाद करने के परिणामों को समझ पाएगा।
PRAHA के अध्यक्ष और कलिंगा रेस्तरां के मालिक गणेश शेट्टी ने बीबीसी के साथ बातचीत में कहा, "हम केवल आधा गिलास पानी सर्व करते हैं और जब तक हमसे कहा नहीं जाता तब तक हम फिर से उसे नहीं भरते। बचे हुए पानी को रिसाइकिल किया जाता है और पौधों को पानी देने और फर्श की सफाई के लिए उपयोग किया जाता है। कई जगहों पर ऐसे नए शौचालयों का इस्तेमाल किया जाने लगा है जो कम पानी का उपयोग करते हैं; हमने जल संचयन संयंत्रों को भी रखा है और कर्मचारियों को पानी के उपयोग को कम करने के बारे में जानकारी भी दी है।" इस पहल से पहले, शेट्टी के होटल में हर दिन 1,600 लीटर पानी का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह रोजाना लगभग 50 प्रतिशत पानी बचा रहे हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पश्चिमी भाग, पुणे और कई क्षेत्रों में हर साल पानी की तेजी से कमी का सामना करना पड़ता है। इस साल की शुरुआत में आई एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसने अब तक 600 मिलियन लोगों को प्रभावित किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 तक लगभग 21 शहरों में ग्राउंडवाटर नहीं पाया जाएगा। एक्सपर्ट्स पानी की कमी के लिए जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और शहरी आबादी की तेजी से वृद्धि को दोषी ठहराते हैं। पुणे में, खडकवासला बांध को समय-समय पर निर्वासित नहीं किया गया है, जिसके कारण इसकी जल भंडारण क्षमता तब से कम हो रही है।
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