सरसों के खेतों में गोल्फ खेलने वाला विश्व चैंपियन
“हरियाणा के खेत-खलिहानों से दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित गोल्फ कोर्सों तक, इस बच्चे के सफर की कहानी अत्यंत रोमांचक और प्रेरणास्पद है।”
-शरत आहूजा
दो सप्ताह के अंतराल में वह दो गोल्फ टाइटल जीत चुका था। 17 जुलाई 2015 को उसने वैक रेसॉर्ट फाउंटेन कोर्स, कैलिफोर्निया में प्रतिष्ठित आई एम जी (IMG, International Management Group) अकादमी जूनियर विश्व गोल्फ इवेंट चैंपियनशिप जीती, जहाँ पिछले साल वह दूसरे नंबर पर रहा था। और 23 जुलाई 2015 के दिन फिर उसने लास वेगास में जूनियर गोल्फ की आई जे जी ए (IJGA, International Junior Golf Academy) वर्ल्ड स्टार प्रतियोगिता जीतकर इस वर्ष का दूसरा टाइटल जीता।.
शुभम जगलान-भारतीय गोल्फ के उभरते किशोर सितारे! हरियाणा के खेत-खलिहानों से दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित गोल्फ कोर्सों तक के इस सफर की कहानी अत्यंत रोमांचक और प्रेरणास्पद है।
शुभम का जन्म 1 जुलाई 2005 के दिन हरियाणा के इसराना (जिला:पानीपत) नामक गाँव में हुआ था। वह पहलवानों के परिवार से आता है हालांकि उसके पिता दूध का व्यवसाय करते हैं।
शुभम का गोल्फ जैसा खेल खेलना भाग्य का चमत्कार ही कहा जाएगा। इसराना गाँव के एक एन आर आई (NRI), कपूर सिंह ने अपने गाँव में गोल्फिंग रेंज तैयार करने का फैसला किया था जो किसी कारण से कार्यरूप में परिणत नहीं हो पाया। वापस जाने से पहले वे अपने साथ लाया हुआ गोल्फ किट शुभम के पिताजी के पास छोड़ गए।
बालसुलभ खिलंदड़ेपन के साथ 5 साल का शुभम यूँ ही गोल्फ क्लब उठाकर दिन भर गोल्फ बॉल को गाँव के आसपास फैले सरसों के खेतों में इधर से उधर उछालता फिरता था। पूरी तरह स्व-प्रशिक्षित वह अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा को देता है, जिन्होंने उसे लगातार प्रोत्साहित किया। शुभम ने इंटरनेट पर यू ट्यूब के गोल्फ संबंधी शैक्षणिक वीडियो देखकर इस खेल की बारीकियाँ सीखीं।
उसकी प्रतिभा देखकर करनाल के मधुबन गोल्फ कोर्स ने उसे अपने यहाँ अभ्यास की विशेष अनुमति प्रदान की। गोल्फ फाउंडेशन के लिए नई प्रतिभाओं की खोज का काम करने वाली गोल्फ कोच और भूतपूर्व भारतीय गोल्फर नोनिता लाल कुरैशी ने सबसे पहले शुभम की प्रतिभा को पहचाना।
शुभम अब दिल्ली में रहकर एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट और अर्जुन अवार्ड विजेता अमित लूथरा से, जो गोल्फ फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं, गोल्फ का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। यही वह स्थान है, जहाँ शुभम की नैसर्गिक प्रतिभा परवान चढ़ी और यह चमत्कारी बच्चा विश्व स्तर का गोल्फर बना।
गोल्फ का यह विलक्षण उदीयमान खिलाड़ी अब तक के अपने कैरियर में देश-विदेश की 100 प्रतियोगिताएँ जीत चुका है। इनमें न्यूयॉर्क यू एस किड्स चैंपियनशिप और न्यूजर्सी यू एस किड्स चैम्पियनशिप, जिसे उसने सन 2012 में जीता था, शामिल हैं। लेकिन उसके कैरियर में प्रमुख मोड़ आया सन 2013 में टेलरमेड अदिदास विश्व जूनियर गोल्फ प्रतियोगिता जीतने के बाद, जिसमें पहले दो बार वह दूसरे नंबर पर रहा था।
2013 में ही एन डी टी वी ने उसे उदीयमान खिलाड़ी अवार्ड प्रदान किया और फिर उसी साल उसे मार्गदर्शन पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।
सिवेरियानों बालेस्तेरोस और गैरी प्लेयर, जिनसे वह एक बार रूबरू मिल चुका है, उसके आदर्श गोल्फर हैं। वह टाइगर वुड्स का और भारतीय गोल्फर शिवकुमार का भी फैन है।
नोनिता लाल कुरैशी द्वारा सात वर्षीय ग्रामीण बालक के रूप में खोजे जाने के बाद इस बच्चे ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक गुमनाम गाँव के सरसों के खेतों से निकलकर दुनिया के सबसे शानदार गोल्फ कोर्सों तक और कामचलाऊ गोल्फ प्रशिक्षण पट्टियों से विश्व स्तरीय प्रशिक्षण केंद्रों तक, इस भारतीय गोल्फ प्रतिभा ने लंबा रास्ता तय किया है। इस लिहाज से उसे भाग्यशाली ही कहा जाएगा कि उसे जगपाल जगलान जैसे पिता मिले, जो हमेशा उसके साथ सफर करते हैं और उसके कैडी (खिलाड़ी के गोल्फ क्लब लेकर साथ चलने वाला) भी हैं।
गोल्फ की प्रमुख वेबसाइट गोल्फिंग इंडिया के साथ बातचीत में शुभम ने बताया कि उसका लक्ष्य दुनिया के महानतम अमरीकी गोल्फर जैक निक्लाउस जैसी उपलब्धियाँ प्राप्त करना है। जैक निक्लाउस 18 बार दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिताएँ जीतने वाले गोल्फर हैं और उन्हें दुनिया का सर्वकालिक महानतम गोल्फर माना जाता है।
वर्तमान में शुभम दिल्ली के लक्ष्मण पब्लिक स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र है।
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