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आप सिर्फ अपनी लक्जरी गाड़ी चलाएं, रखरखाव की चिंता करेगा 'स्पेयर हब'

यह वेबसाइट 10,000 से भी अधिक कलपुर्जे उपलब्ध कराती है

आप सिर्फ अपनी लक्जरी गाड़ी चलाएं, रखरखाव की चिंता करेगा 'स्पेयर हब'

Tuesday August 11, 2015 , 8 min Read

क्या आपको कभी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है जब आपके कार का साइलेंसर मफलर या आपके लक्जरी कार की क्लच किट का मिलना स्थानीय गराज में मुश्किल हो गया हो? अगर ऐसी स्थितियां आपके सामने अक्सर आती होंगी, तो यह कहानी आपको निश्चित तौर पर अतिवांछित विकल्प उपलब्ध कराएगी।

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मर्सिडिज बेंज में रह चुके तापस गुप्ता, होंडा में रह चुके दीप्तनु भ्रद्र और टाटा मोटर में रह चुके अरिजित चक्रवर्ती ने गाडि़यों में स्पेयर कलपुर्जों की समस्या के समाधान के लिए दिसंबर 2013 में स्पेयरहब.कॉम की स्थापना की।

आज यह वेबसाइट 10,000 से भी अधिक कलपुर्जे उपलब्ध कराती है। इसने 100 से भी अधिक सौदे किए हैं और पुणे में B2B ग्राहकों के बतौर 20 से अधिक गराजों ने समझौते किए हैं। इस तिकड़ी ने काम की शुरुआत अपनी पूंजी से की थी जिसमें 91स्प्रिंगबोर्ड, दिल्ली ने तेजी लाई। वरुण चावला और प्रणय गुप्ता अभी भी इस साइट के लिए सलाहकार के बतौर काम करते हैं।

योरस्टोरी ने इसके विचार और अन्य चीजों की जानकारी के लिए तापस से बातचीत की।

बाजार में अवसर

मर्सिडिज को अलविदा कहने के बाद तापस किसी र्स्टाटअप के लिए कई विचारों को आजमा रहे थे। तभी अमरावती, महाराष्ट्र से उनके एक रिश्तेदार ने कॉल करके उन्हें अपनी स्कोडा ऑप्टिया के लिए पुणे से सस्पेंशन के कलपुर्जे भेजने के लिए कहा, जो अमरावती में उपलब्ध नहीं था। "उसने यह भी शिकायत की कि ऑनलाइन सर्च करने के बाद भी कोई ऐसा वेबसाइट नहीं दिखा जो पूरे देश में सारे ब्रांडों के कलपुर्जों की आपूर्ति करे। आप इस पर भी विचार कर सकते हैं। एक छोटे शहर अकोला से होने के कारण मुझे मालूम था कि अकोला में अनेक स्कोडा, वॉक्सवैगन, टॉयटा और यहां तक कि मर्सिडिज और बीएमडल्ब्यू भी हैं लेकिन 200 किमी के दायरे में उनका कोई अधिकृत विक्रेता नहीं है। समस्या स्पष्ट थी। मैंने अपना आरंभिक रिसर्च किया और पाया कि स्पेयरहब.कॉम भारत के स्पेयर पार्ट्स उद्योग की अनेक समस्याओं का जवाब हो सकता था," आरंभ करने के विचार के बारे में तापस बताते हैं।

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तापस इल्क्ट्रॉनिक्स इंजिनीयर और फाइनांस में MBA हैं। दीप्तनु ऑटोमोबाइल इंजिनीयर हैं और अरिजित कंप्यूटर इंजिनीयर है जिन्होंने मार्केटिंग में MBA कर रखा है। तापस ने इस समस्या को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया था लेकिन तीन जब हिसाब लगाने बैठे तो उन्हें महसूस हुआ कि इसमें सचमुच संभावना है।

भारत में पैसेंजर कार के स्पेयर पार्ट्स का बाजार कोई 1.02 अरब डॉलर का है जिसमें अनेक स्तर पर बिचौलिए मौजूद होते हैं। भारत में 1.45 करोड़ से अधिक कारें हैं जिनमें से 90 लाख कारें दूसरे स्तर के शहरों और छोटे शहरों में हैं। "कुल बाजार का लगभग 1 प्रतिशत हिस्सा ही अभी ऑनलाइन है जिसके 2018 तक 5 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। इसलिए जिस बाजार को हम लक्ष्य कर रहे हैं वह 2018 तक कोई 5-6 करोड़ डॉलर का होने वाला है। इसके अलावा, बाजार में दोपहियों के स्पेयर कलपुर्जों का बाजार 2.05 करोड़ डॉलर का है और व्यावसायिक वाहनों के स्पेयर कलपुर्जों का बाजार 95 लाख डॉलर का" तापस ने बताया

वह बाजार के अवसरों को लेकर ही नहीं इस बात से भी उत्साहित हैं कि ऊपर से नीचे तक ध्यान केंद्रित करने वाली अनेक ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में ऑनलाइन बाजार के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रही हैं। वह पीपरफ्राइ, जिवाम, लेंसकार्ट, फर्स्टक्राइ और ब्लूस्टोन का उदाहरण देते हैं। अभी यह साइट पैसेंजर कार बाजार पर ही अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।

स्पेयरहब पूरे भारत में सीधा कार मालिकों को स्पेयर पुर्जों की बिक्री कर रही है। दो महीने पहल, उनलोगों ने पुणे शहर में गराज मालिकों के लिए टेलिफोन के जरिए ऑफलाइन B2B सेवा भी शुरू की है। 20 से अधिक गराजों ने उनके विचार को पसंद किया है और उनके साथ साझेदारी का समझौता किया है।

"हमलोग अपनी फील्ड सेल्स टीम का उपयोग करके एक शहर में एक बार गराज मालिकों से सपंर्क कर रहे हैं। पुणे के बाद हमलोगों की योजना नागपुर, औरंगाबाद और नासिक में गराज मालिकों को सामान बेचना शुरू करने की है। हमलोग पुणे से शुरू करके पूरे भारत में ‘स्पेयरहब.कॉम द्वारा प्रमाणित गराजों’ का नेटवर्क भी बना रहे हैं। इससे कार मालिक हमारे प्लेटफॉर्म के जरिए हर शहर में अच्छे गराज खोज पाएंगे और इस पहलकदमी के जरिए अपनी कारों के लिए अपनी सेवाएं बुक कर पाएंगे," पास बताते हैं।

जहां उनकी B2B सेवा सिर्फ पुणे में दी जाती है वहीं उनके बी2सी ग्राहक दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों और उत्तर-पूर्र्वी राज्यों के छोटे शहरों में फैले हुए हैं। कुछ ऑर्डर दक्षिण भारत से भी आते हैं। अपने क्षेत्र में 100 से भी अधिक कारोबार के साथ तापस कहते हैं कि ग्राहक उनके पास कार के कलपुर्जों को ऑनलाइन खरीदने में आसानी और स्थानीय बाजार में नहीं मिलने वाले कलपुर्जों की उपलब्धता के चमत्कार के कारण आते हैं।

कार्य प्रणाली

ऑर्डर को पूरा करने में तीन-चार दिन समय लगते हैं। जो पुर्जे स्पेयरहब में मौजूद नहीं हो, उनको लाने और ऑर्डर पूरा करने में 6-7 दिन लग जाते हैं। वेबसाइट पर 350 रु. से लेकर 30,000 रु. मूल्य तक के सामान बेचे जाते हैं। अगर पुर्जे स्कोडा, टॉयटा, मर्सिडिज या बीएमडल्ब्यू जैसे उत्कृष्ट ब्रांडों के हों तो ऑर्डर किए गए पार्ट की कीमत काफी अधिक हो जाती है।

स्पेयरहब कलपुर्जे पुणे और मुंबई स्थित कंपनी के कलपुर्जा वितरकों से लेता है। सही कीमत पर सामान खरीदने के लिए उनलोगों ने स्पेयर पार्ट्स विनिर्माताओं से भी संपर्क किया है। "स्पेयर पार्ट्स के अनेक बहुतराष्ट्रीय विनिर्माता, जिनका अमेरिका और यूरोप जैसे अन्य देशों में ऑनलाइन खुदरा स्पेयर पार्ट्स बेचने क सफल अनुभव रहा है, भारत में भी इस सफलता को दुहराने के लिए उत्सुक हैं और उनलोगों ने हमलोगों के साथ समझौते किए हैं," तापस दावा करते हैं।

स्पेयरहब पर विश्वास करने वाली कुछ शुरुआती कंपनियों में टेनेको और टाटा ऑटो कंपोनेंट्स हैं जिन्होंने उनके साथ आपूर्ति संबंधी समझौते किए हैं।

समझौते कार विनिर्माओं के साथ न करके स्पेयर पार्ट्स विनिर्माताओं के साथ किए गए हैं इसलिए स्पेयरहब सभी ब्रांडों की खास श्रेणियों के स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराने में सक्षम है। जैसे उनके पास कार के सारे ब्रांडों के लिए मॉनरो सस्पेंशन और कार के सारे ब्रांडों के लिए वैलियो के क्लच पार्ट्स मौजूद हैं। हमलोग अपने वेबसाइट पर तेजी से अधिकाधिक उत्पाद जोड़ते जा रहे हैं ताकि हमारे पास सारे ब्रांडों के सारे उत्पाद मौजूद हो जाएं। भारत में 23 से अधिक ब्रांडों के 100 से भी अधिक कारों के मॉडल मौजूद हैं और हर मॉडल के कई-कई वैरिएंट हैं। इसलिए यह हमलोगों के लिए सचमुच बड़ी चुनौती है," तापस स्पष्ट करते हैं।

विनिर्माता स्पेयरहब के साथ हाथ मिलाकर इसलिए खुश हैं कि वेबसाइट उनके उत्पादकों की सीधा ग्राहकों और गराजों के नेटवर्क तक पहुंच बढ़ाने में मदद कर रही है। इससे उन्हें बाजार के नकली उत्पादों से भी लड़ने में मदद मिल रही है जिसका तापस के अनुसार बाजार में 33 प्रतिशत हिस्सा है। अभी स्पेयरहब अपना भंडार बनाकर रखने के बजाय ड्रॉप शिप मॉडल पर चलता है। यह इसलिए संभव है कि पुणे और मुंबई शहर अच्छे ऑटोमोटिव केंद्र हैं और यहां स्पेयर पुर्जों की आपूर्ति बहुत अच्छी है।

कार बाजार के आगे भी बाजार के अवसर काफी अच्छे हैं लेकिन स्पेयरहब अभी कार के पुर्जों के मामले में बाजार में अपनी उपस्थिति को पुख्ता करना चाहता है और उसके बाद दोपहियों और व्यावसायिक वाहनों के स्पेयर पार्ट्स के क्षेत्र में सफलताएं दुहराना चाहता है। तापस बताते हैं -

"ग्राहक हमसे व्यावसायिक वाहनों, किरानों और अर्थ-मूवर के स्पयेर पार्ट्स के बारे में भी पूछताछ कर रहे हैं। निकट भविष्य में हमारी योजना निर्यात बाजार में शामिल होने की है क्योंकि भारतीय कारों का दुनिया के दूसरे देशों में बड़ी संख्या में निर्यात होता है और उनके स्पेयर पार्ट्स की जरूरत भी काफी है"

ऑनलाइन उपस्थिति के पूरक के बतौर स्पेयरहब की टीम गराजों से मिलने वाले ऑफलाइन ऑर्डर की भी पूर्ति करती है जो ऑनलाइन ऑर्डर करने के मामले में सहज नहीं महसूस करते हैं। ऑफलाइन विकल्प सिर्फ B2B ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। इस स्टार्टअप का कार्यालय और भंडार पुणे में है लेकिन इसका कहीं भौतिक खुदरा स्टोर नहीं है।

अंदर-बाहर

स्पेयरहब को विज्ञापन के लिए डिजिटल मार्केटिंग पर भरोसा है। तापस कहते हैं कि उनलोगों की योजना एक ज्ञान कोष की परियोजना तैयार करने की है ताकि स्पेयरहब.कॉम वीडियो और आलेखों की पूरी शृंखला के साथ ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स संबंधी जानकारी और तकनीकी विवरण के लिए एकल गंतव्य बन जाय।

तीन सह-संस्थापकों के अलावा, स्पेयरहब टीम के साथ आइआइएम इंदौर के तीन मैनेजमेंट इंटर्न भी हैं। तापस का कहना है कि वे लोग अपनी टीम के अंग के बतौर अधिकांशतः ऑटोमोबाइल अभियंताओं की सेवा लेंगे।

तापस का कहना है कि उनका तात्कालिक लक्ष्य 1 करोड़ रु. का राजस्व हासिल करना और अपने वेबसाइट पर 1 लाख से अधिक कलपुर्जों की पेशकश करना है। दीर्घकालिक योजनाओं में भारत में कार मालिकों के लिए अबाध कार मरम्मत का अनुभव उपलब्ध कराना है जिसमें कार की गराज खोजने, सर्विक बुक करने, स्पेयरहब से असली पुर्जे खरीदने, गराजों को सुपुर्द करने और अपनी कार की मरम्मत पूरी होने तक की सारी चीजें शामिल हों।

स्टार्टअप जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमें बाजारों में ढेर सारी संख्या में स्पेयर कलपुर्जों की उपलब्धता और आपूर्ति संबंधी लॉजिस्टिक्स की जटिलता है। चुनौती का दूसरा भाग ग्राहकों और गराज मालिकों को कार के पुर्जों की ऑनलाइन उपलब्धता के बारे में शिक्षित करना है। फलतः तापस के अनुसार, उनलोगांे ने स्पेयरहब.कॉम को मार्केटप्लेस मॉडल के बतौर चलाने का निर्णय किया है क्योंकि उससे वे लोग इनवेंट्री आधारित वर्तमान मॉडल की तुलना में अधिक तरह के पुर्जों की पेशकश करने में सक्षम होंगे। स्पेयरहब का मार्केटप्लेस संस्करण जल्द ही शुरू हो जाएगा।