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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन: सरकार

यह जानकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी.

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन: सरकार

Friday August 02, 2024 , 4 min Read

देश भर के गरीब परिवारों की वयस्क महिला सदस्य के नाम पर जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन जारी करने के लिए 01.05.2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) शुरू की गई थी. PMUY का प्राथमिक उद्देश्य ऐसे गरीब परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन एलपीजी तक पहुंच प्रदान करना है, जिससे पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला, गाय के गोबर आदि के उपयोग से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य खतरों को कम करके उनके स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके. ये वायु प्रदूषण के भी गंभीर घरेलू कारण बनते हैं. खाना पकाने के ईंधन के रूप में एलपीजी का उपयोग महिलाओं को जलाने वाली लकड़ी इकट्ठा करने के कठिन परिश्रम से मुक्त करता है, खाना पकाने में लगने वाले समय को कम करता है और वनों की कटाई को रोकता है. 01.07.2024 तक, देश भर में 10.33 करोड़ PMUY कनेक्शन जारी किए गए हैं.

देश में एलपीजी कवरेज को बढ़ाने के लिए अन्य बातों के साथ-साथ कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें PMUY को बढ़ावा देने के लिए अभियान आयोजित करना, नामांकन करने और कनेक्शन वितरित करने के लिए मेलों/शिविरों का आयोजन करना, आउट ऑफ होम (OOH) होर्डिंग्स, रेडियो जिंगल, सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) वैन के माध्यम से प्रचार करना, अन्य पारंपरिक ईंधनों की तुलना में एलपीजी के उपयोग के लाभों और एलपीजी पंचायतों के माध्यम से एलपीजी के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना, विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत नामांकन/जागरूकता शिविर, उपभोक्ताओं और उनके परिवारों को आधार नामांकन की सुविधा प्रदान करना और PMUY कनेक्शन प्राप्त करने के लिए बैंक खाते खोलना, एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण, PMUY कनेक्शन के लिए www.pmuy.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन, निकटतम एलपीजी वितरक, सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) आदि, 5 किलोग्राम डबल बोतल कनेक्शन (डीबीसी) का विकल्प, 14.2 किलोग्राम से 5 किलोग्राम तक स्वैप विकल्प, प्रवासी परिवारों के लिए पते और राशन कार्ड के प्रमाण के बजाय स्व-घोषणा पर नया कनेक्शन लेने का प्रावधान शामिल हैं.

 इसके अलावा, ओएमसी लगातार नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप शुरू कर रहे हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में. PMUY योजना के लॉन्च के बाद से, ओएमसी ने देश भर में 7905 डिस्ट्रीब्यूटरशिप चालू की हैं, जिनमें से 7325 (यानी 93%) ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रही हैं (01.04.2016 से 30.06.2024 के दौरान कमीशन की गईं). इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, PMUY लाभार्थियों के लिए प्रति व्यक्ति खपत बढ़कर प्रति वर्ष 3.95 रिफिल हो गई है. इसके अलावा, देश में एलपीजी कवरेज अप्रैल 2016 में 62% से बढ़कर अब शत प्रतिशत के करीब पहुंच गया है.

स्वतंत्र स्टडीज और रिपोर्टों से पता चला है कि PMUY योजना का ग्रामीण परिवारों, विशेषकर महिलाओं और ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के परिवारों के जीवन पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. कुछ प्रमुख लाभों को संक्षेप में नीचे बताया गया है:

(i) PMUY के परिणामस्वरूप पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों में बदलाव आया है जिसमें लकड़ी, गोबर और फसल के अवशेष जैसे ठोस ईंधन जलाना शामिल है. स्वच्छ ईंधन के उपयोग से घर के अंदर वायु प्रदूषण कम होता है, जिससे श्वसन स्वास्थ्य में सुधार होता है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों में, जो परंपरागत रूप से घरेलू धुएं के संपर्क में अधिक आते हैं.

(ii) ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेष रूप से दूरदराज के स्थानों में, परिवार अक्सर अपने समय और ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन को इकट्ठा करने में खर्च करते हैं. एलपीजी ने गरीब घरों की महिलाओं के कठिन परिश्रम और खाना पकाने में लगने वाले समय को कम कर दिया है. इस प्रकार, उनके पास उपलब्ध खाली समय का उपयोग आर्थिक उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों में किया जा सकता है.

(iii) बायोमास और पारंपरिक ईंधन से एलपीजी की तरफ जाने से जाने से खाना पकाने के लिए लकड़ी और अन्य बायोमास पर निर्भरता कम हो जाती है, जिससे वनों की कटाई और पर्यावरणीय गिरावट में कमी आती है. इससे न केवल परिवारों को लाभ होता है बल्कि व्यापक पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में भी योगदान मिलता है.

(iv) खाना पकाने के लिए एलपीजी का उपयोग खुली आग से संबंधित दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करता है, जो महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों से जुड़ी आकस्मिक जलने और चोट लगने की घटनाएं कम हो जाती हैं, जिससे सुरक्षित घरेलू वातावरण में योगदान होता है.

यह जानकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी.

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